बाढ़ के पानी से हजारों बीघा गन्ने की फसल बर्बाद

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बाढ़ के पानी से खादर क्षेत्र के दर्जनों गांव की हजारों बीघा गन्ने की फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है। किसानों ने फसल के मुआवजे के साथ गंगा पर बंदा बनाने की पुरजोर मांग की। एक माह होने को आ गया है ।बाढ़ का पानी रुकने का नाम नहीं ले रहा है । एक सप्ताह में दो बार बाढ़ का पानी खादर क्षेत्र में फैल चुका है। बाढ़ का पानी फैलने का क्रम एक माह से जारी है । चांदपुर तहसील के ब्लॉक जलीलपुर के एक दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। हजारों बीघा गन्ने की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है ।वहीं दूसरी ओर किसानों के पशु भी चारे के अभाव में दम तोड़ने को तैयार हैं। एक माह से बाढ के पानी के भयावह दृश्य को देखकर हर किसान कह रहा है। कि सरकार गन्ने की नष्ट फसल का मुआवजा ऊंट के मुंह में जीरा मात्र देगी। इससे बेहतर है कि हमें मुआवजा न देकर इस समस्या का स्थाई समाधान करें ।तथा गंगा जी के किनारे पूर्व की ओर तटबंध का निर्माण कम से कम 5 किलोमीटर पहले से करें। बाढ़ के कारण प्रतिवर्ष, किसानों की गन्ने की फसल तबाह हो जाती है। जिस कारण किसान पर दोहरी मार पड़ रही है। किसान के परिवार भुखमरी के कगार पर है। किसानों का कहना है कि बैंक से कर्ज लेकर रुपया फसल मे लगा दिया गया है। फसल के नष्ट होने के बाद कर्ज की अदायगी कैसे होगी। किसानो ने यह भी मांग रखी है कि कृषि कार्ड में बीमा की राशि काटी जाती है, तो फसल के नष्ट होने पर मुआवजा क्यों नहीं दिया जा रहा है। खादर क्षेत्र के ग्राम सलेमपुर, रायपुर, जलालपुर ,सीकरी ,नारनौर, खानपुर, खद्दन, मुदापुरा ,स्याहली, खानपुर पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में हैं। इन गावो को बाढ़ ग्रस्त घोषित करते हुए कर्ज माफ करने की मांग की गयी है।

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