सिंचाई विभाग की लापरवाही से कटी नहर की पटरी

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सिंचाई विभाग की लापरवाही से नहर की पटरी तेज पानी की धार से कटी तथा नहर का पानी खेतों में फैला। किसानों के सामने खड़ी हुई आफत। जिलाधिकारी के आदेश पर सरकारी अमला मौके पर पहुंचा। दरसल भरी गर्मियों में नहर खाली पड़ी रहती हैं। परंतु वर्षा ऋतु में खाली पड़ी नहरों में पानी छोड़ दिए जाने के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारी गहरी नींद में सो जाते हैं। जिस कारण किसानों को इन अधिकारियों की लापरवाही भरनी पड़ती है। ऐसा ही एक उदाहरण चांदपुर तहसील के ग्राम कमालपुर के समीप नहर का है । यह नहर भरपूर गर्मी सूखी पड़ी रहती है। परंतु वर्षा ऋतु में बाढ़ का पानी इस नहर में छोड़ दिए जाता है। बाढ़ का पानी नहर में छोड़ दिए जाने से, पानी के तेज बहाव के कारण कमालपुर की पुलिया के निकट, नहर की पटरी की मिट्टी कट गई । जिस कारण नहर का अधिकतर पानी मिट्टी के कटान के साथ, खेतों की ओर बहने लगा। पानी से मिट्टी का कटान इतनी तेज हुआ, कि पटरी के निकट 11 हजार की लाइन के खड़े 4 खंबो के गिरने की स्थिति बन गई। ग्रामीणों ने इस बाबत जिलाधिकारी को फोन पर जानकारी दी तो, जिलाधिकारी के निर्देश पर सिंचाई विभाग एवं राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची तथा नहर की टूटी पटरी को सही कराने का काम जारी कराया गया, सिंचाई विभाग के अधिकारियों से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया, कि बिजली विभाग ने हमारी नहर की पत्नी से सटाकर खंबे लगाए हैं जो गलत हैं। 11 हजार की लाइन का खंबा नीचे से मजबूती लेकर खड़ा करना चाहिए। किसी वजह से पानी के तेज बहाव से अगर खंभे गिर जाते हैं। उस समय विद्युत आपूर्ति जारी हो तो किसी प्रकार की भी अनहोनी घट सकती है। फिलहाल सिंचाई एवं राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर टूटी पटरी को सही कराने में जुट गई है।

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