भाजपा को 2022 के चुनाव में उठाना पड़ेगा नुकसान ?

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केन्द्र सरकार द्वारा लाये गये कृषि कानूनों के विरोध में बीते 9 महीनों से किसान आंदोलन कर रहे हैं लेकिन अभी तक सरकार ने किसानों की कोई बात नही सुनी है। कृशि बिलों के विरोध में और आंदोलन को मज़बूत बनाने के लिए बीते दिन संयुक्त किसान संगठन के आह्वान पर एक महापंचायत का आयोजन भी किया गया था जिसमें लाखों की संख्या में किसानों ने उपस्थित होकर शक्ति प्रदर्शन किया।
कृषि बिलों के विरोध और महापंचायत के बारे में जनपद बिजनौर के स्योहारा में अभी तक न्यूज़ चैनल के संवाददाता नजम सिद्दीकी ने किसानों और आम जनता की राय जानी। जिसमें अधिकतर लोगों का यह मानना है कि किसानों के विरोध के चलते 2022 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ेगे। लोगों का कहना है कि सन 1987 में भी किसानों की एक ऐसी ही महापंचायत हुई थी उस समय भी तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने किसानों की बात को नही सुना था जिसका नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ गया था। आईये जानते हैं लेागों ने और क्या कहा