पैरालंपिक में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

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दो स्वर्ण दो रजत और एक कांस्य, अवनि भारत की पहली स्वर्ण परी सुमित ने भी पांच बार थोड़ा विश्व रिकॉर्ड

ओलंपिक के बाद भारतीय खिलाड़ी पैरालंपिक में भी नए-नए कीर्तिमान बना रहे हैं। टोक्यो में सोमवार को भारत की झोली में ने सिर्फ एक साथ पांच पदक आए, बल्कि देश को निशानेबाज अवनि लेखरा के रूप में पहली स्वर्ण परी भी मिल गई। पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई है। वहीं, भाला फेंक में हरियाणा के सुमित अंतिल ने सोने पर निशाना साधते हुए अपने पांचों प्रयासों में पांच विश्व रिकॉर्ड बना डाले।

जयपुर की रहने वाली 19 साल की अवनि लेखरा ने आर -2 की 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच 1 में 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए स्वर्ण पदक जीता। वह अभी 50 मीटर प्रोन और 50 मीटर थ्री पोजीशन में हिस्सा में भी हिस्सा लेगी। सुमित मैं देश को दूसरा स्वर्ण भाला फेंक की एफ 64 श्रेणी में दिलाया।

पुरुषों ने चक्का फेंक की एफ -56 स्पर्धा में योगेश कथूनिया ने रजत पदक जीता। वहीं, स्टार पैरा एथलीट और दो बार के स्वर्ण पदक विजेता देवेंद्र झाझरिया ने इन खेलों में अपना तीसरा पदक रजत के रूप में जीता। इस स्पर्धा में कांस्य पद भी भारत के सुंदर सिंह गुर्जर ने जीता। भारतीय खिलाड़ियों ने सोमवार को दो स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक जीते। पैरालंपिक में भारत का यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत में 2016 पैरालंपिक खेलों में चार पदक जीते थे, लेकिन टोक्यो पैरालंपिक में वह अभी तक सात पदक भी जीत चुका है।

दो साल बिस्तर पर रही अवनि, पूरा किया स्वर्णिम सपना
अवनि की रीढ़ की हड्डी में 2012 में जयपुर से धौलपुर जाते वक्त हुई सड़क दुर्घटना में चोट लग गई थी। उनके शरीर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था। अवनि को याद है कि वह 2014 से 2016 तक बिस्तर पर रही थी। दुर्घटना में अवनि का पूरा परिवार चोटिल हो गया था। देश की इस बेटी ने हिम्मत नहीं हारी। पैरालंपिक का स्वर्ण जीतना सपना था, जो उन्होंने टोक्यो में पूरा कर दिखाया।