जरूरत से ज्यादा खून निकालने पर हंगामा

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https://youtu.be/2LVUXbD2vLM

धामपुर में कालागढ़ मार्ग स्थित एक निजी चिकित्सक पर उपचार के नाम पर मरीज का जरूरत से ज्यादा ब्लड सिरीज से निकालने के मामले में परिजनों ने जमकर हंगामा किया। हंगामे की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुँच गई। इस दौरान परिजनों ने कोतवाली पुलिस पर आरोपी चिकित्सक की पैरवी करने का आरोप लगाया।
जानकारी के अनुसार गुलशन जहां पत्नी सुल्तान अहमद निवासी नहटौर धामपुर में शेरकोट चुंगी स्थित लुकमान वेलनेस सेंटर पर उपचार के लिए आई थी। महिला की तबियत खराब होने पर अस्पताल के एमडी डाॅ0 वकार अनवर ने महिला को उपचार के लिए जनरल वार्ड में भर्ती करा दिया। महिला का आरोप है कि जब भर्ती होने के बाद कंपाउंडर इंजेक्शन लगाने आया तो उसने इंजेक्शन लगाने के बजाये सिरींज से उसका खून निकाल लिया जिसपर महिला की हालत बिगड़ गई। महिला ने जब तीमारदारों को घटना से अवगत कराया तो अस्पताल में हंगामा खड़ा हो गया। हंगामा होता देख वहां मौजूद अन्य मरीज़ों ने भी अस्पताल पर आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। घटना से अधिकांश मरीज आग बबूला हो गये और उन्होंने अस्पताल के एमडी पर मरीज़ों के खून की तस्करी करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।
मरीज़ों व तीमारदारों का आरोप है कि अस्पताल का एमडी मरीज़ों का खून निकालकर दुरूप्योग करता है। मरीज़ के साथ आए एक परिजन का आरोप है कि उसने जब चिकित्सक से ज्यादा खून निकालने की शिकायत की तो चिकित्सक ने इंजेक्शन में भरा आधा ब्लड टाॅयलेट में बहा दिया। इसके बाद परिजनों ने घंटों अस्पताल के बाहर नारेबाज़ी की। हंगामा करने वालों ने सीएमओ से जांच कर अस्पताल के एमडी पर कार्यवाही करने की मांग की है।
वहीं इस मामले में अस्पताल के एमडी डाॅ0 वकार अनवर का कहना है कि मरीज़ों के आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि कल्चर एरोबिक में मरीज़ का करीब 25 एमएल ब्लड लेना होता है मरीज़ों का उतना ही ब्लड लिया गया है। परिजन जान बूझकर उनके उपर गलत आरोप लगा रहे हैं। उधर हंगामे की सूचना पर कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुँच गई।
वहीं मरीज़ों का आरोप है कि हंगामे के दौरान पुलिस भी मौके पर पहुँच और एक दरोगा आरोपी चिकित्सक को बचाने के लिए चिकित्सक की ही पैरवी करने लगा।
उधर कोतवाली प्रभारी प्रमोद कुमार का कहना है कि हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर गई थी लेकिन फिल्हाल पीड़ितों द्वारा कोई शिकायत नही की गई है। यदि मरीज़ों द्वारा शिकायत की जाती है तो प्रकरण में जांच कर कार्यवाही की जायेगी।