इन दिनों गुलदार के खौफ के मारे लोगों का जीना मुहाल हो चला है। आए दिन गुलदार मासूम बच्चों पर हमला करके जान लेने पर उतारू हो चले है। पिता के साथ जंगल खेतों पर गए मासूम बच्चे पर गुलदार ने हमला कर दिया। बाप की चीख पुकार सुन गुलदार बच्चे को छोड़ भागा लेकिन गुलदार के इस हमले से मासूम जख्मी हो गया है जिसका इलाज चल रहा है। पूरा मामला जनपद बिजनौर के अफज़लगढ़ क्षेत्र के ग्राम अलियारपुर जंगलों में धर्मेंद्र अपने 6 साल के बेटे के साथ खेतों पर काम कर वापस लौट रहा था कि इसी दौरान घात लगाए ईंख के खेत में छिपे गुलदार ने रास्ते में मासूम दुष्यंत पर हमला कर दिया। बच्चे की चीख पुकार सुनकर पिता ने शोर मचाया तो गुलदार बच्चे को छोड़ भागा जिसकी वजह से बच्चे की जान तो बच गई लेकिन जब तक गुलदार ने मासूम बच्चे के जिस्म पर गहरे निशान देकर जख्मी हालत में कर दिया। आनन फानन में पिता ने बच्चे को अस्पताल में भर्ती करा दिया है जिसका डॉक्टरों की देखरेख में इलाज चल रहा है।
बिजनौर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में हमारा आंगन हमारे बच्चे उत्सव बुनियादी साक्षरता एवं अंकिय दक्षता प्राप्त करने हेतु पूर्व प्राथमिक शिक्षा के सार्व भौमिकरण के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों को शिक्षित करने की जितनी जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व शिक्षकों की है। उतनी ही नामांकन व नियमित उपस्थिति का ध्यान रखने की जिम्मेदारी अभिभावकों की भी है। बच्चों को इस प्रकार शिक्षा दी जाए जिससे कि उनके मानसिक क्षमता का विकास हो तथा शिक्षा के प्रति उनका उत्साह बना रहें। उन्होंने कहा कि बच्चों को याद कराने के लिए रटाने की बजाए प्रैक्टिकल रूप में अवधारणाओं को उनके मस्तिष्क में विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष रूप से सभी संभव प्रयास करें उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने में भूमिका निभाएं।
कुछ देशों में खालिस्तान के समर्थन में भारतीय दूतावास पर किए जा रहे प्रदर्शन का विरोध होने लगा है।अच्छा यह है कि खुद प्रदर्शन वाले देशों का सिख समाज इस आंदोलन के पीछे की कहानी जान गया है। यह जान गया है कि इस आंदोलन को बढ़ाने के पीछे पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था आईएसआई का हाथ है।यही कारण है कि वहां का सिख समाज इन आंदोलनकारियों के विरोध में उतर आया। उसने उन्हीं जगह पर भारत के समर्थन और खालिस्तान के विरोध में प्रदर्शन किया, जहां खालिस्तान के समर्थन में प्रदर्शन हुए थे।
लंदन में पिछले रविवार को भारतीय हाई कमीशन में तोड़फोड़ की घटना का विरोध सोमवार को नई दिल्ली में भी किया गया । नई दिल्ली में बड़ी तादाद में सिख ब्रिटिश हाई कमीशन के बाहर जुटे और खालिस्तानियों की हरकत का विरोध किया। उधर, अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में इंडियन कॉन्स्यूलेट पर हमला किया गया। इसका भी भारतीयों ने विरोध किया।
नई दिल्ली में ब्रिटिश हाई कमीशन के बाहर सिखों ने खालिस्तानियों के खिलाफ बैनर-पोस्टर लहराए और नारेबाजी की। कहा- भारत हमारा स्वाभिमान है। इन सिखों के मुताबिक- तिरंगे का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसा ही सैन फ्रांसिस्को में हुआ। दोनों जगह खालिस्तान के समर्थन में आंदोलन करने वालां के विरूद्ध प्रदर्शन ही नही हुए।आंदोलनकारियों के विरूरूद्ध कार्र्वाई की मांग भी की गई।नई दिल्ली में प्रदर्शन के लिए पहुंचे सिखों ने कहा- पाकिस्तान की बदनाम खुफिया एजेंसी आएसआई हमारे देश के अमन-चैन को तबाह करने की साजिश रच रही है। हमने हमेशा अपने तिरंगे का सम्मान किया है और लंदन में हुई हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
लंदन के बाद अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भी इंडियन कॉन्स्यूलेट पर हमला किया गया।रविवार को यहां भी खालिस्तान समर्थक जुटे। इन लोगों ने स्प्रे पेंट्स से अमृतपाल को रिहा करो.. लिख दिया। इन लोगों ने कॉन्स्यूलेट के गेट्स तोड़ दिए। वहां खालिस्तान के झंडे लगा दिए। इसके विरोध में भारतीय अमेरिकियों ने हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने खालिस्तान समर्थकों द्वारा किए भारतीय राष्ट्रधवज तिंरगे के अपमान गुस्सा जाहिर किया।प्रदर्शन भी किया।
दरअस्ल पिछले कुछ समय से जानी −बूझी साजिश के तहत खालिस्तान आंदोलन को हवा देने की कोशिश की जा रही है। ब्रिटेन में खालिस्तान के समर्थन में जनमत कराया गया।इसके बाद कुछ जगह के हिंदू मंदिरों पर खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखे गए।भारत के इन देशों के राजदूतों का बुलाकर आपत्ति जताने के बाद भी कोई प्रभावी कार्रवाई नही हुई। इससे खालिस्तान के समर्थकों के हौंसले बढते गए।
पंजाब में अतिवादी अमृतपाल सिंह और उसके साथियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के बाद लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग और अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को में भारत के वाणिज्य दूतावास को खालिस्तान समर्थकों ने जिस तरह निशाना बनाया, उसकी केवल निंदा-भर्त्सना ही पर्याप्त नहीं। भारत के विरूद्ध प्रदर्शन के बावजूद ब्रिटेन और अमेरिका सरकारों ने इन उपद्रवियों के खिलाफ काई कार्रवाई नही की। न तो लंदन में भारतीय उच्चायोग में कोई सुरक्षा व्यवस्था दिखी और न ही सैन फ्रांसिस्को के वाणिज्य दूतावास में। सबसे खराब बात यह है कि इन दोनों भारतीय ठिकानों पर हमले के लिए जिम्मेदार खालिस्तानियों के विरुद्ध वैसी कार्रवाई नहीं हुई, जैसी अपेक्षित ही नहीं, आवश्यक थी। खालिस्तानियों के उपद्रव और उत्पात की एक लंबे समय से अनदेखी होती चली आ रही है। कनाडा और आस्ट्रेलिया खालिस्तानियों ने एक मंदिरों को निशाना बनाया। कनाडा और आस्ट्रेलिया के अधिकारियों ने मंदिरों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं की निंदा तो की, लेकिन उपद्रवी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया।
ब्रिटिश सामराज्य के पतन के बाद एक अलग सिख राष्ट्र की मांग शुरू हुई। 1940 में ख़ालिस्तान का जिक्र पहली बार “ख़ालिस्तान” नामक एक पुस्तिका में किया गया। 1947 के बाद प्रवासी सिखों के वित्तीय और राजनैतिक समर्थन तथा पाकिस्तान की आएसआई के समर्थन से ख़ालिस्तान आंदोलन भारतीय राज्य पंजाब में फला-फूला और 1980 के दशक तक यह आंदोलन अपने चरम पर पहुंच गया। 1984 के दशक में उग्रवाद की शुरुआत हुई जो 1995 तक चला इस उग्रवाद को कुचलने के लिए भारत सरकार और सेना ने आपरेशन ब्लू स्टार, ऑपरेशन वुड रोज़, ऑपरेशन ब्लैक थंडर एक तथा ऑपरेशन ब्लैक थंडर दो चलाए ।इन कार्यवाहियों से उग्रवाद तो बहुत हद तक ख़त्म हो गया ।भारी पुलिस एवं सैन्य कार्रवाई तथा एक बड़ी सिख आबादी का इस आंदोलन से मोहभंग होने के कारण 1990 तक यह आंदोलन कमज़ोर पड़कर विफल हो गया।
1980 से 1990 के दशक की खास बात यह रही कि इस खालिस्तान आंदोलन के विरोध में प्रायः अधिकाशं सिख समाज चुप रहा।स्वर्ण मंदिर आपरेशन का विरोध करने वालों ने भिंडरावाला और उसके समर्थकों के स्वर्ण मंदिर में शरण लेने का भी विरोध नही किया । इसके फलस्वरूप देश ने बहुत कुछ झेला। बड़ी संख्या में हिंदू दुनिया के सभी धार्मिक स्थल में जाते हैं।गुरूद्वारों में जाकर मत्था टेकने वालों की इस आंदोलन के पहले बड़ी संख्या थी। इस आंदोलन के जोर पकड़ने पर हिंदुओं ने गुरूद्वारों की और जाना छोड़ दिया। सिख आंतकवाद से सबसे ज्यादा ज्यादती सिखों ने ही झेलीं।उत्तर प्रदेश के तराई में सिख आंतकवाद तेजी से बढ़ा। पहले जो सिख परिवार सिख आंतकवादियों को देवदूत मान प्रश्य देते थे, उनके गलत आचरण देख वे ही उनके विरूद्ध हो गए। बिजनौर जनपद में सिख अतिवादियों ने विदेश में नौकरी करने वाले एक सिख परिवार को लूटा। उस परिवार के पांच साल के बच्चे का अपहरण कर पांच लाख की फिरौती मांगी। पुलिस ने आंतकवादी को मारकर बच्चे को रिहा कराया।कई सिख डेरों पर महिलाओं के शील भंग हुए।वहां ज्यादतिं हुईं।ऐसी घटनांए सिख समाज को इस आंदोलन से दूर करती चलीं गईं।
अतिवादी अमृतपाल सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इंदिरा गांधी जैसा हशर करने की धमकी दी। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी हत्या को ही उसने जाना। उसके बाद का हाल उसे शायद नही मालूम। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद में देश भर में सिखों के सामूहिक कत्ले आम हुए। दिल्ली में ही तीन हजार से ज्यादा सिख इस हत्याकांड के शिकार हुए।उनकी सम्पत्ति लूटली गई या जला दी गई। देश भर में 18 हजार से 25 हजार सिख कत्ल कर दिये गए। धीरे −धीरे सिख समाज खालिस्तान की सच्चाई समझ गया। आज वह इसका समर्थक नही बल्कि विरोधी है ।
खालिस्तान समर्थकों के प्रदर्शन के बाद ब्रिटेन में प्रवासी भारतीयों के कई समूहों ने एकजुटता दिखाते हुए पिछले मंगलवार को लंदन स्थित ‘इंडिया हाउस’ के बाहर ‘हम भारतीय उच्चायोग के साथ हैं’ भारतीय उच्चायोग के परिसर में खालिस्तानी चरमपंथियों के हमले के मद्देनजर प्रवासी भारतीयों ने एकजुटता दिखाते हुए यह प्रदर्शन किया।
हाल के दिनों में लंदन में देखने को मिला कि कैसे खालिस्तानी तत्व हावी होने लगे और भारतीय उच्चायोग पर तिरंगा उतारने का प्रयास किया गया। लेकिन भारतीय अधिकारियों ने तिरंगा नहीं उतरने दिया और आज वहां पहले से बड़ा तिरंगा शान से लहरा रहा है। हमने देखा कि शुरू में भारतीय उच्चायोग के बाहर हंगामा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर ब्रिटिश सरकार अनमनी-सी दिखी लेकिन जब भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त के घर के बाहर सुरक्षा घटाई गयी तो तत्काल लंदन में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा भी बढ़ाई । स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस भी हंगामा करने वालों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए हरकत में आई।ब्रिटिश संसद में यह मुद्दा उठ गया और मंत्रियों को भारतीयों की सुरक्षा का आश्वासन देना पड़ गया। इसके अलावा ब्रिटेन के कई सुरक्षा अधिकारी वहां लगातार गश्त कर रहे हैं और मेट्रोपोलिटन पुलिस के वाहन ‘इंडिया प्लेस’ के बाहर खड़े हैं।
मजे की बात यह है कि इस बार खालिस्तान आंदोलन भारत में कम विदेशों में ज्यादा दिखाई दे रहा है।विदेशों में खालिस्तानियों की भारत विरोधी गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही हैं।अब खालिस्तान के समर्थकों ने कनाडा में महात्मा गांधी की मूर्ति को तोड़ दिया और उस पर स्प्रे पेंट से भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लिखे। रिपोर्ट्स के मुताबिक खालिस्तानियों ने भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति पर कई अपमानजनक बातें भी लिखीं हैं।
भारत से बाहर यह अराजकता करने वाले ये नही सोच रहे कि ये बदलता भारत है।दुनिया में कही भी भारत विरोधी हरकत बर्दाशत नही की जाएगी।बीते 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने हुए विरोध प्रदर्शन के दिल्ली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। केंद्र सरकार दूसरे देशों में बैठे उन भारतीयों को गिरफ्तार कर भारत लाने और उनकी पहचान कर पास्पोर्ट निरस्त करने पर भी विचार कर रही है।विदेशों में नागिरकता ले चुके खालिस्तान समर्थकों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
खालिस्तान के समर्थन में आंदोलन करने वालों के बारे में आज बड़े पैमाने पर भारत में कहा जा रहा है कि खालिस्तानी उस समय कहां था ,जब अफगानिस्तान से सिख भाग रहे थे। वहां गुरूद्वारों पर हमले हो रहे थे। यह आंदोलनकारी अफगानिस्तान से सिखों को निकालने के लिए क्यों नही सक्रिय हुए। अफगानिस्तान में फंसे हजारों भारतीय नागरिकों सहित वहां के सिखों के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवदूत बनकर सामने आए। भारतीय विदेश मंत्रालय और भारतीय वायुसेना के प्रयासों की बदौलत श्री गुरु ग्रंथ साहिब की तीन प्रतियों के साथ 250 से ज्यादा अफगान सिखों को भी भारतीय वायुसेना के विमान से सुरक्षित भारत लाया गया।इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी ने सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह के चारों बेटों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस साल से 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की। ये कार्य एक सिख जैल सिंह के राष्ट्रपति होते और दूसरे सिख डॉ मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री होते भी नही हुआ।
केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने 05 अगस्त, 2021 को सिख दंगा पीड़ितों के लिए एक पुनर्वास पैकेज की घोषणा की। इसमें प्रत्येक मृतक के आश्रितों को 3.50 लाख रुपये और घायलों को 1.25 लाख रुपये देने का प्रावधान किया गया। इस पुनर्वास पैकेज में मृतकों के विधवाओं और बुजुर्ग परिजनों को 2500 रुपये मासिक पेंशन देने शामिल था। यह पेंशन उन्हें जीवनभर मिलेगी। पेंशन पर होने वाला खर्च राज्य सरकार द्वारा उठाया जाएगा। इससे पहले 2014 में मोदी सरकार ने 1984 के दंगों में मारे गए लोगों को राहत देने की योजना शुरू की थी। 2021-22 के केंद्रीय बजट में इसके लिए 4.5 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया था।
श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश में सिख विरोधी दंगों में 127 लोगों की जान चली गई थी। पीड़ित सिखों का आरोप है कि दंगों के कई दिन बाद तक इसकी एफआईआर भी नहीं लिखी गई। हिंसा के 35 साल बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने साल 2019 में सिख विरोधी दंगों की फाइल फिर से खोली। उन्होंने इससे जुड़े 1251 मामलों की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन कर दिया। इसके तीन साल बाद अब एसआईटी ने यह जांच पूरी कर ली है।
मोदी सरकार ने आजादी के बाद पहली बार लंगर को टैक्स मुक्त कर दिया। अब गुरुद्वारा या धार्मिक स्थलों में बांटे जाने वाले प्रसाद या इस तरह दिए जाने वाले मुफ्त भोजन पर कुछ भी जीएसटी नहीं लगता है। इसके अलावा धार्मिक स्थलों में दिए जाने वाले प्रसादम पर सीजीएसटी और एसजीएसटी अथवा आईजीएसटी, जो भी लागू हो, शून्य है।इतनाही नही केंद्र सरकार सिख समाज के विकास पर भी ध्यान दे रही है।
भारत से बाहर बसे कुछ मुट्ठीभर अतिवादी भले ही कुछ कहें किंतु पूर्व सिख अतिवादी भी भारत की मोदी सरकार की प्रशंसा करने लगे हैं।खालिस्तानी के बड़े पैरोकार रहे और लंदन में एक अलगाववादी गुट चलाने वाले दल खालसा के संस्थापक और खालिस्तान समर्थक के पूर्व नेता जसवंत सिंह ठेकेदार ने हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। जसवंत सिंह का मानना है कि पीएम मोदी ने सिखों और सिख धर्म के लिए बहुत कुछ किया है। ठेकेदार ने समाचार एजेंसी एएनआई को एक वीडियो इंटरव्यू में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिख समुदाय के लिए काफी काम किया है और वे इससे प्यार करते हैं।उन्होंने सिख नेताओं की ब्लैकलिस्टिंग खत्म करवाई, करतारपुर कॉरिडोर खुलवाया। छोटे साहिब़जादे के बारे में बात की।ये कथन जसवंत सिंह विचारों में एक बड़ा परिवर्तन है। मार्च 2013 में लंदन में बीबीसी हिंदी से बातचीत में उन्होंने कहा था कि सिख भारत में दोयम दर्जे के नागरिक हैं और उन्हें अलग देश मिलना चाहिए।
केद्र सरकार सभी को साथ लेकर देश के विकास को आगे बढ़ाने में लगी है किंतु विदेशों में बसे कुछ खुराफाती सच्चाई नही समझ रहे। वे ये नही जान रहे कि 1984 के आतंकवाद में गुद्वारों से दूर हुआ हिंदू समाज फिर बड़ी तादाद में गुरूद्वारों में जाने लगा है।इनकी कार्रवाई से वह फिर गुरूद्वारों से अलग होता लग रहा है। इससे सिख समाज को ही नुकसान होगा।
झालू नगर में गत वर्षों की भांति नव संवत्सर के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पथ संचलन का आयोजन किया पथ संचलन प्राचीन मनोकामना मन्दिर से आरंभ होकर नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए वहीं पहुंच कर पूर्ण हुआ कार्यक्रम में गणगीत। एकल गीत, अमृतबचन, बौध्दिक के बाद स्वयंसेवको ने ध्वज प्रणाम कर प्रार्थना किया। पूरे नगर में पूर्ण गणवेश के साथ सैकड़ों स्वयंसेवको ने पथ संचलन किया पथ संचलन कार्यक्रम नगर के मनोकामना मंदिर से प्रारंभ होकर रामलीला, चौधरियान, छतरी वाला कुआं, रामलीला होते हुए पुनः अपने स्थान पर पहुंचकर संपन्न हुआ पथ संचलन का नगर मे जगह जगह नगरवासियों तथा प्रिंस चौधरी ने पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया अध्यक्षता प्रशांत महर्षि विभाग कार्यवाह तथा संचालन सुनील जी जिला कार्यवाह ने किया कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जितेंद्र खंड संचालक, उमंग खंड शारीरिक प्रमुख शिवम एडवोकेट ,खंड प्रचार प्रमुख गौरव अग्रवाल, राजकुमार अग्रवाल आदि के साथ सैकड़ों स्वयं सेवको ने हर्षाेल्लास के साथ भाग लेकर नववर्ष प्रतिपदा एवं नवरात्रि की एक दूसरे को शुभकामनाएं दी।
बिजनौर के कोतवाली शहर के हादरपुर गांव के जंगल में गुलदार की दस्तक से ख़ौफ़जदा ग्रामीणों ने एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार गुलदार को पिंजरे में कैद किया। हालांकि कुछ दिन पहले किसानों ने एक साथ तीन गुलदार को जंगल में टहलते हुए देखा था दो गुलदार तो पिंजरे में कैद हो गए लेकिन अभी एक गुलदार बाहर घूमता देखा जा रहा है जिसको लेकर अभी भी किसान समूह बनाकर खेतों में काम करने जा रहे हैं हालांकि गुलदार से अभी तक कोई जनहानि नहीं हुई है।
थाना नगीना में बने मेस का उद्घाटन नवागत पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन के हाथों होना था। किसी कारण वश अंतिम समय में पुलिस अधीक्षक का किसी और कार्य में व्यस्त होने के कारण प्रोग्राम कैंसिल हो जाने पर अपर पुलिस अधीक्षक देहात राम अर्ज ने किया नवनिर्मित मेस का उद्घाटन बड़े मंदिर के पुजारी पंडित बिपिन चंद त्रिपाठी की पूजा अर्चना के उपरांत पूरे विधि विधान से नारियल फोड़कर व फीता काटकर किया गया। थाने पर आस पास से आए हुए चौकीदारों को एसपी देहात ने टार्च व छतरी देकर सम्मानित किया। इस मौके पर एसडीएम शैलेंद्र कुमार, थाना प्रभारी रविंद्र कुमार वशिष्ठ, एसआई अशोक कुमार, एसआई कुलदीप राण् निवर्तमन चेयरपर्सन पुत्र शेख़ शाहनवाज़ खलील, सभासद सिद्दीख मुल्तानी, सभासद गोपाल शर्मा, सानू मित्तल, लवी मित्तल आदि मौजूद रहे।
बिजनौर शहर कोतवाली क्षेत्र में एक महिला ने अपने पति के साथ प्रेमिका को होटल से निकलता हुआ देख लिया। मौके पर पहुंची महिला ने अपना आपा खो दिया और अपने पति को सभी के सामने थप्पड़ जड़ दिया। साथ ही प्रेमिका को पकड़कर जमकर खरी खोटी सुनाई दोनों पक्षों में काफी देर तक हंगामा चलता रहा। किसी ने भी पुलिस से शिकायत नहीं की।
चांदपुर में नवरात्र के पावन अवसर पर प्राचीन देवी मंदिर पर श्री राम कथा प्रवचन करते हुए कथा व्यास महामंडलेश्वर महंत राम गोपाल दास ब्रह्मचारी ने कहा कि भगवान राम का जन्म केवल एक समस्या के लिए नहीं अपितु अनेकों कष्ट और समस्याओं के निवारण के लिए हुआ था। जिनमें आसुरी शक्तियों का विनाश करने के साथ साथ संत महात्माओं ऋषि मुनियों पर हो रहे अत्याचारों को समाप्त करने के लिए भी भगवान श्री राम ने जन्म लिया था। कथा के तीसरे दिन भगवान श्री राम के विवाह प्रसंग तक मार्मिक कथा सुनाते हुए कथा व्यास ने कहा कि भगवान राम का चरित्र माता पिता व भाई की आज्ञा पालन का संदेश देता है। जिनमें आसुरी शक्तियों का विनाश करने के साथ साथ संत महात्माओं ऋषि मुनियों पर हो रहे अत्याचारों को समाप्त करने के लिए भी भगवान श्री राम ने जन्म लिया था कथा के तीसरे दिन भगवान श्री राम के विवाह प्रसंग तक मार्मिक कथा सुनाते हुए कथा व्यास ने कहा कि भगवान राम का चरित्र माता पिता व भाई की आज्ञा पालन का संदेश देता है। विवाह प्रसंग में कथा स्थल पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं को बाराती मानकर उनका स्वागत किया गया और बारात जैसा सम्मान किया गया। बारात को पकवान बनाकर प्रसाद स्वरूप वितरण किया गया जिसकी सभी भक्तों ने प्रशंसा की कथा के यजमान मोहित जिंदल रहे कथा में कीर्ति प्रकाश, कृष्ण अवतार बैंकर्स, मोहित अग्रवाल, सत्येंद्र चंद्रा, गांधी अग्रवाल, गौरव अग्रवाल, राहुल तायल आदि का सहयोग
बिजनौर के नांगल पुलिस कस्टडी में खड़ा ये व्यक्ति उत्तराखंड के लक्सर थाना क्षेत्र के गांव बाकरपुर निवासी मुकेश है। मुकेश ने नांगल क्षेत्र में मंडावली मार्ग पर नहर पुलिया के पास ट्रैक्टर मैकेनिक की दुकान खोल रखी है। मुकेश का ही गांव का लड़का मुकेश की दुकान पर ट्रैक्टर मैकेनिक का काम सीख रहा है। इस बीच रात्रि में मुकेश ने शराब के नशे में धुत होकर दुकान पर काम सीख रहे युवक के साथ कुकर्म की घटना को अंजाम दे दिया। हालांकि पीड़ित युवक ने काफी शोर मचाया तब जाकर हेल्थ केयर सेंटर के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और आरोपी व्यक्ति को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ संगीन धाराओं में केस दर्ज करते हुए आरोपी को जेल भेजने की तैयारी शुरू कर दी है।
झालू के मोहल्ला जोशियान में स्थित मां काली का प्राचीन सिद्ध पीठ मंदिर आस्था का प्रतीक है। प्रचीन मन्दिर 150 वर्ष से भी पुराना है। मंदिर में झालू से ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्र व दूर दराज से श्रद्धालु मंदिर में आकर अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना करते हैं। मन्दिर परिसर में नौ देवियो हनुमान जी राम दरबार भैरव जी शनिदेव जी भूरे मल देवता की मूर्तियां विराजमान है। नवरात्रों में मंदिर को फूल मालाओं झालर आदि से भव्य रूप मे सजाया जाता है। नवरात्रों में अखंड ज्योति प्रज्वलित कर मां के नौ स्वरूपो की विधि विधान से पूजा अर्चना कर आराधना की जाती है। मंदिर में प्रतिदिन शाम को भव्य आरती का आयोजन किया जाता है। तो वही नवरात्रो के दिनों में सैकड़ो श्रद्धालु आरती में पहुंचकर धर्म लाभ लेते हैं। इस वर्ष मन्दिर के प्रांगण में अष्टमी को अखण्ड पाठ शुरू होकर नवमी को समापन होगा। मन्दिर कमेटी के अध्यक्ष राजीव शर्मा बताते हैं कि मां काली से सच्चे मन से जो भी भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए मां काली की आराध्य करता है मां काली उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करती हैं