अफज़लगढ़ क्षेत्र में गुड़ कोल्हुओं का संचालन शुरू होने से रौनल लौट आई है। अफज़लगढ़-कालागढ़ रमार्ग पर प्रतिवर्ष करीब 100 कोल्हू संचालित होते हैं। सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, रूड़की आदि क्षेत्रों से हर वर्ष लोग यहां आकर कोल्हू लगाते हैं। बीते एक सप्ताह से फिर कोल्हू वाले अपने कोल्हू लेकर आने शुरू हो गये हैं।
क्षेत्र के गांव कादराबाद, चैहड़वाला, भिक्कावाला, मीरापुर, रसूलपुर, रसूलाबाद, नवाबपुरा तथा धारा आदि गांवो में प्रतिवर्ष करीब 4 दर्जन कोल्हू संचालित किये जाते हैं। अक्टूबर माह के प्रारंभ में क्षेत्र के इन गांवो में करीब एक दर्जन कोल्हुओं पर गुड़ बनना शुरू हो गया है। इन कोल्हुओं पर वर्तमान में 260 रूप्ये से 280 रूप्ये प्रति कुंतल के बीच गन्ना खरीदा जा रहा है।
किसान मिल न चल पाने के कारण अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए नकद पैसे के लिए कोल्हू पर गन्ना डालना शुरू कर देते हैं। कोल्हू संचालकों का कहना है कि इस समय गन्ने में पानी की मात्रा अधिक होने के कारण एक कुंतल गन्ने में 7 से 8 किलो ही गुड़ की रिकवरी हो पाती है जबकि मंडी में गुड़ का भाव 36 से 37 रूप्ये प्रति किलो ही मिल रही है।