22 सितंबर को जम्मू में हुए विस्फोट के दौरान घायल हुए चांदपुर निवासी जवान गजेन्द्र सिंह की उपचार के दौरान मौत, राष्ट्रीय सम्मान के था दी गई अंतिम विदाई

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जम्मू कश्मीर की पुंछ सीमा पर तैनात बिजनौर का एक लाल गश्त के दौरान हुए विस्फोट में शहीद हो गया, शहीद जवान का पार्थिव शरीर जब गांव पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया, शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचने पर गांव ही नही वरन क्षेत्र में भी शोक व्याप्त हो गया, दरअसल चांदपुर के नजरपुर गांव के रहने वाले गजेन्द्र सिंह देश के लिये मर मिटने और मुल्क की हिफाजद का जज्बा लेकर 2003 में सेना में भर्ती हुए थे, गजेन्द्र सिंह की तैनाती जम्मू के पुंछ सीमा पर थी, बीती 22 सितंबर को गजेन्द्र अपनी बटालियन के साथी जवानो के साथ सीमा पर गश्त कर रहे थे, इसी दौरान अचानक हुए विस्फोट में जवान गजेन्द्र सिंह भी घायल हो गये थे, घायल गजेन्द्र सिहं को सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन हालत ज्यादा नाजुक होने के कारण उन्हे दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था, 5 दिनो तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा बहादुर जवान आखिर जिंदगी की जंग हार ही गया और 27 सितंबर को गजेन्द्र सिंह की मौत हो गई।

 

 

अस्पताल में मौत हो जाने के बाद शहीद गजेन्द्र का पार्थिव शरीर उनके चांदपुर स्थित पैतृक गांव नजरपुर पहुंचा, तो परिवार में कोहराम मच गया, शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही पूरे इलाके में शोक व्याप्त हो गया, जिले भर से लोग शहीद को अंतिम विदाई देने गांव पहुंचे और देश की हिफाजत करते हुए अपनी जान लुटा देने वाले जवान की अंतिम यात्रा में शामिल हुए, वही गजेन्द्र की शहादत पर जहां परिवार को दुख तो लेकिन देश की रक्षा करते हुए मर मिटने वाले अपने बेटे की शहादत पर उन्हे गर्व भी है।

 

     

शहीद गजेन्द्र सिंह को सलामी देने के लिये गांव पहुंचे सेना के जवानो, प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय लोगो ने राष्ट्रीय सम्मान के साथ गजेन्द्र सिंह के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया  और नम आंखो के बीच अंतिम विदाई दी गई