2 दिन की बारिश ने खोली ओडिएफ के तहत बनाये जा रहे शौचालयो की पोल, जलीलपुर क्षेत्र में इज्जत घरो को बचाये रखने के लिये लिया जा रहा बल्लियों का सहारा।

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1-जिले को जल्द से जल्द ओडिएफ घोषित करने के लिये प्रषासन जहां फूर्ति के साथ शौचालय निर्माण कराने में जुटा है वहीं जल्दबाजी के चक्कर में इन शौचालय निर्माण में प्रयोग होने वाली निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे है ताजा मामला जलीलपुर ब्लाक क्षेत्र से देखने को मिला है ओडिएफ के तहत बनाये जा रहे शौचालय 2 दिन की बारिश तक नही झेल पाये, हाल ही में बने षौचालयो की हालत कुछ इस कदर है कि महज 2 दिनो की बारिष में ही शौचालयो को गिरने से बचाने के लिये बल्लियों का सहारा देना पड़ रहा है ताजा मामला जलीलपुर ब्लाक क्षेत्र के जमालुददीनपुर का है दरअसल इस गांव में 174 शौचालय बनाये जाने से जिसमें से 70 शौचालयो को निर्माण भी करा दिया गया है आरोप है कि ग्राम प्रधान ने शौचालय निर्माण के लिये लाभार्थियों से अवैध वसूली भी की, गांव की ही रहने वाले विकलांग सोनम के घर भी इज्जतघर बनाने के लिये 1000 रूपये लेने का मामला सामने आया है, पैसे देने के बाद विकलांग सोनम के घर इज्जतघर तो जरूर बना लेकिन खुद सोनम ने ये नही सोचा था कि उसके घर बनाया जा रहा इज्जतघर भी पहली ही बारिष में विकलांग हो जायेगा, नतीजा ये है कि गांव में बनाये गये ज्यादातर शौचालय खुद अपनी हालत बया कर शौचालय निर्माण में बरती गई लापरवाही और भ्रष्टाचारी की ओर ईशारा कर रहे है 2 दिनो तक हुई बारिश के बाद ज्यादातर शौचालय धंस गये तो कुछ को बल्लियों का सहारा देकर खड़ा रखा जा रहा है लोगो की माने तो महज 1 कटटा सीमेंट में पूरे शौचालय का निर्माण करा दिया गया, और शौचालय निर्माण में प्रयुक्त होने वाली सामग्री को मानकारूप नही लगाया गया, इसी का नतीजा है कि केन्द्र और प्रदेष सरकार के इस सपने को हाल ही बने ये शौचालय मुंह चिढ़ा रहे है बनाये गये शौचालयो की हालत देखकर लोग खुद इन शौचालयो का प्रयोग करने से कतरा रहे है स्थानीय लोगो ने इस पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है