सांसद—विधायक ने किया बाढ़ प्रभावित गांवो का दौरा

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पहाड़ी क्षेत्रो में लगातार हो रही बारिश के बिजनौर के कई बाढ़ प्रभावित गांवो में हालत दिन व दिन बिगड़ते ही जा रहे है दरअसल उत्तराखंड की सीमा से सटे होने के कारण बिजनौर जिले के कई गांव पानी की चपेट में आ जाते है लेकिन इस साल पहाड़ी क्षेत्रो में हो रही भारी बारिश के चलते उत्तराखंड से निकलकर बिजनौर की सीमा में आने वाले सभी नदियां उफान पर चल रही है नतीजन नदियों के तटीय इलाको में बसे गांवो में बाढ़ जैसे हालत बन गये है खेतो जलमग्न होने के बाद अब बाढ़ का पानी लोगो के घरो में घुस गया है चांदपुर के जलीलपुर खादर क्षेत्र के भी कई गांवो में बाढ़ का प्रकोप जारी है बाढ़ का पानी खेतो में खड़ा होने के चलते फसले बर्बादी की कगार पर है जलीलपुर के सलेमपुर मीरापुर सीकरी गांवो के खेतो में पिछले लगभग 20 दिनो से खेतो में पानी भरा खड़ा है जलस्तर बढ़ने से अब बाढ़ का पानी लोगो के घरो में घुसने लगा है हालात को देखते हुए चांदपुर विधायक कमलेश सैनी ने बाढ़ प्रभावित गांवो का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया, विधायक कमलेष सैनी ने बाढ़ से फसलो और लोगो को पहुंचे नुकसान का मुआवजा भी दिलाने का आश्वासन दिया
उधर उत्तराखंड से निकलकर धामपुर शेरकोट क्षेत्र से गुजरने वाली नदिया भी इन दिनो उफान पर है शेरकोट क्षेत्र से गुजरने वाली खो नदी ने इन दिनो अपना रौद रूप धारण कर रखा है खो नदी में जलस्तर बढ़ने से कई गांवो में बाढ़ जैसे हालत में गांवो में पानी आने के बाद अब नगीना सांसद डा0 यशवंत सिंह और धामपुर विधायक अशोक कुमार राणा ने बाढ़ प्रभावित गांवो का दौरा किया, इस दौरान सांसद और विधायक ने गांव गांव जाकर बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारी ली और ग्रामीणो को शासन स्तर से हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन भी दिया, अपने दौरे के चलते सांसद डा0 यशवंत सिंह और विधायक अशोक राणा शेरकोट के ग्राम नंदगांव, तिपरजोत, उमरपुर, इब्राहित सहित कई बाढ़ प्रभावित इलाको की स्थिति का जायजा लिया, इस दौरान धामपुर उपजिलाधिकारी वीरेन्द्र मौर्य भी जनप्रतिनिधियों के साथ रहें, जनप्रतिनिधियों से बुग्गियों पर बैठकर बाढ़ का जायजा लिया और बाढ़ प्रभावित लोगो को शासन से हर संभव मदद दिलाने का भी आश्वासन दिया, दस दौरान जनप्रतिनिधियों के साथ सिंचाई विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे
उधर नगीना तहसील क्षेत्र के रायपुर देहात क्षेत्र स्थित ग्राम नरूल्लापुर से निकल रही खो नदी भी इन दिनो उफान पर चल रही है नदी में जलस्तर बढ़ने से तटीय गांवो में बाढ़ जैसे हालत पैदा हो गये है और किसानो की सैकड़ो बीघा फसल जलमग्न हो गई है इतना ही नही खो नदी का पानी लोगो के घरो तक में जा घुसा है स्थानीय लोगो ने जनप्रतिनिधियों पर क्षेत्र में विकास कार्य न कराने का अरोप लगाते हुए मौजूदा सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया है क्षेत्र में बाढ़ से बचाव के लिये समय रहते बचाव कार्य न कराने पर गुस्साये ग्रामीणो ने आगामी लोकसभा चुनाव का भी बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है ग्रामीणो का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव में वो मतदान में भाग नही लेगें