मेडिकल बनाने को लेकर चिकित्सा अधिकारी पर पैसे मांगने का लगाया आरोप

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    झगड़े में घायल लोगों के मेडिकल बनाने को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्याऊ ,चांदपुर में की जाती है पैसे की मांग। एक प्रकरण में मेडिकल कराने पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा, दस हजार रुपए मांगने पर किया गया हंगामा। उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार के खिलाफ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है ,कि प्रदेश को भ्रष्टाचार से पूरी तरह मुक्त किया जा रहा है, परंतु कुछ बरसों से जमे बैठे भृष्ट अधिकारियों की कार्यशैली से सरकार बदनाम हो रही है ।जिस पर सरकार को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
    बिजनौर जिले की चांदपुर तहसील के ग्राम नारनौर निवासी विष्णु सैनी की तहरीर पर, थाना चांदपुर में दर्ज मुकदमे के आधार पर विष्णु के साथ बाष्टा चौकी क्षेत्र में ,उसी के गांव निवासी तीन लड़कों के बीच मारपीट हुई। जिसका मेडिकल कराने के लिए घायल एवं उसके परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्याऊ पहुंचे । पीड़ित पक्ष का कहना है कि ,पहले तो डॉक्टर ने हमसे बात ही नहीं की। उसके बाद जब शोर शराबा हुआ ,तो डॉक्टर ने मेडिकल बनाने की हामी भर ली। इस बीच मेडिकल कराने आए व्यक्ति से प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ,डॉक्टर केपी सिंह द्वारा 10 हजार रुपए देने की मांग की गई। पीड़ित व्यक्ति से स्टाफ ने भी बताया कि, डॉक्टर साहब पैसे ले कर के ही मेडिकल करेंगे ,अन्यथा छोटी-मोटी चोट का मेडिकल बनेगा। जिसमें तुम्हें कोई लाभ नहीं मिल पाएगा। पीड़ित पक्ष द्वारा डॉक्टर को रिश्वत नही दिये जाने के कारण ,प्राथमिक चिकित्सा भी सही तरीके से नहीं दी गई ,तथा मेडिकल करने के बाद दवाई की दो गोली देकर कहा ,कि घर चले जाओ। जबकि घायल व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करना चाहिए था। इस बाबत प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर के पी सिंह से से जब यह पूछा गया कि, क्या आपने मेडिकल बनाने के नाम पर पैसे की मांग की है, तो उन्होंने इस बात को सुनकर मना कर दिया, परंतु पीड़ित पक्ष के लोगों ने डॉक्टर साहब के मुंह पर कहा कि इन्होंने हमसे रुपए मांगे थे, तथा हमारे द्वारा रुपए न देने पर अपने स्टाफ से भी रुपए मंगवाए हैं। इसी कारण हमारा मेडिकल नहीं कर रहे थे।
    पीड़ित पक्ष ने डॉक्टर के अशोभनीय रवेइये पर हंगामा काटा गया। जानकारी मिलने पर पत्रकार भी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्याऊ चांदपुर पर पहुंच गये। सी एच सी पहुंचकर, पत्रकारों ने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी स्याऊ, चांदपुर डॉक्टर केपी सिंह से बात की ,तथा मेडिकल के नाम पर रुपए मांगने की जानकारी ली। इस बात पर डॉक्टर ने मना कर दिया, जबकि झगड़े में घायल व्यक्ति के साथ के लोग ,रुपए मांगने का सीधे आरोप लगा रहे थे। यह पूछने पर कि आप कितनी समय से सीएससी में कार्य कर रहे हैं, इस सवाल का डॉक्टर साहब संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए । डॉ केपी सिंह ने यह बताया कि मैं ,चांदपुर सी एच सी में 5 वर्ष से प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत हूं। एक अन्य सवाल पर कि ब्लॉक जलीलपुर के ग्राम कमालपुर में ,एक झोलाछाप चिकित्सक की दुकान पर सील लगाई गई थी ।उस सील को मोटी रकम लेकर खोला गया है। इस बात पर डॉक्टर साहब निरुत्तर हो गए।
    अपने स्थानांतरण के सवाल पर डॉक्टर साहब ने स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार डॉक्टर साहब का चांदपुर से स्थानांतरण हो चुका है। सत्ता के कुछ नेताओं के द्वारा इनका स्थानांतरण रुकवाया गया है। कुल मिलाकर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए प्रयासरत हैं, परंतु कई वर्षों से जमे बैठे ऐसे भृष्ट अधिकारी सरकार को बदनाम करने पर तुले हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में चांदपुर क्षेत्र में ऐसे अनेकों अस्पताल हैं जिन्होंने डिग्री धारी डॉक्टरों के नाम ,लिखकर कमाई का धंधा बना रखा है। ऐसी मामलों की स्वास्थ्य विभाग को पूरी जानकारी है, परंतु पर्दे के पीछे सब चल रहा है।