फसली कर्ज माफी में कई किसानो के साथ सरकार का भद्दा मजाक, किसी का 9 पैसे तो किसी किसान का 2 रूपये का फसली कर्ज माफ

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देश और प्रदेश के किसानो के सरकारे बड़ी बड़ी बात करती है किसानो को धरतीपुत्रो का दर्जा देकर उनकी स्थिति में सुधार करने की बात करती है लेकिन समय बीतते बीतते फिर से किसान अपने को ठगा सा महसूस करने लगता है देश के पीएम मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब चुनाव से पहले किसानो के दर्द को समझने की बात कही तो किसानो को लगा के कोई है जो उनके बारे में जरूर कुछ अच्छा करेगा, कर्ज के बोझ तले दबा किसान जब आत्महत्या का रास्ता ढ़ूढ़ने लगा तो किसानो से किये गये फसली कर्ज माफी के वादे ने किसानो के जख्मो पर मरहम का काम किया, सरकार वादे के मुताबिक किसानो के कर्ज माफी के लिये युद्धस्तर से कार्य करने में जुट गई आखिर वो दिन भी आ गया जब प्रदेश में पहले चरण में ऋण मोचन योजना के तहत सूबे के साथ जनपद बिजनौर में भी प्रथम चरण में लघु और सीमांत किसानो की कर्ज माफी की गई, लेकिन कुछ किसानो के लिये ये कर्जमाफी कम और उनके साथ भद्दा मजाक जरूर साबित हुई, दरअसल बिजनौर में एक दो नही बल्कि कई किसान ऐसे है जो एक भद्दे मजाक का शिकार हुए, कर्ज माफी के नाम पर कुछ किसानो को 9 पैसे को कर्जा माफ हुआ तो कुछ किसानो को 1 यो 2 रूपये का, पैसे और चंद रूपये में कर्ज माफी का लाभ पाने किसानो की एक लंबी लिस्ट है, दरअसल प्रदेश सरकार की घोषणा के कर्ज माफी के प्रथम चरण के माडयूल में बिजनौर जिले में भी 22156 किसानो का फसली कर्ज माफ किया गया, किसानो को कर्ज माफी के प्रमाण पत्र देने के लिये बिजनौर में भव्य मंच सजाया गया और भव्य कार्यक्रम में खुद जिला प्रभारी मंत्री श्रीकांत षर्मा और जिले के तमाम भाजपा नेताओं ने मंच से लाभार्थी किसानो को कर्ज माफी के प्रमाण पत्र दिये, हांलाकि इस कर्ज माफी में लघु और सीमांत किसानो को 1 लाख रूपये तक का फसली ऋण माफ होना था, लेकिन कुछ किसानो के साथ जो कुछ हुआ उससे वाकई वो किसान अपने का ठगा से महसूस कर रहे है किसानो के चंद पेसे और रूपये के कर्ज माफ होने जब जानकारी जब कृषि विभाग के आलाअधिकारियों से ली गई तो उन्होने अपना पल्ला झाड़ कर बैंको के सिर ठीकरा फोड़ दिया,
कर्ज माफी के रूप में मिले चंद पैसो की सौगात को पाकर अब किसान भी इसे अपने साथ सरकार का भद्दा मजाक बता रहे है बिजनौर में 42 रूप्ये 36 पैसे की कर्ज माफी पाने किसान देव प्रताप सिंह की माने तो ये किसानो के साथ एक भददा मजाक है
उधर सरकार के वादे के बाद भी किसानो के साथ हुए इस मजाक को लेकर विपक्ष निशाना साधने में जुट गया है विपक्षियो की माने तो सरकार ने किसानो के साथ मजाक करने का काम किया है