नगीना सीट पर होगा कांटे का मुकाबला

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जैसे जैसे मतदान की तारीख पास आ रही है लोकसभा चुनाव में भी राजनैतिक गलियारो में हलचल और तेज़ होती जा रही है बिजनौर की नगीना लोकसभा सीट पर भी इस मतदान में कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है बताते चले कि 2014 में चली मोदी लहर में ये सीट रिकार्ड वोटो से भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थी, नगीना लोकसभा सुरक्षित सीट पर भाजपा प्रत्याशी डा. यशवंत सिंह ने समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद रहे ई0 यशवीर सिंह को लगभग 90 हज़ार से अधिक वोटो हराकर कड़ी शिकस्त दी थी और बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी ग्रीशचंद तीसरे पायदान पर रहे थे, लेकिन 5 साल के वक्त बीतने के बाद राजनैतिक समीकरण बदले और कई बड़े गठजोड़ हुए, 2019 के चुनाव में मोदी और भाजपा को रोकने के लिये जहां सपा बसपा और रालोद ने गठबंधन कर सीधे भाजपा के लिये मुश्किलें खड़ी कर दी, वहीं 2014 में इस सीट पर लगभग 2 लाख 75 हज़ार वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे पूर्व सांसद ई0 यशवीर सिंह ने सपा का दामन छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम भाजपा को मजबूत करने का काम किया, 2019 के चुनाव के लिये नगीना सुरक्षित सीट पर भारतीय जनता पार्टी से एक बार फिर मौजूदा सांसद डा. यषवंत सिंह पर विष्वास जताते हुए दोबारा प्रत्याशी बनाया तो सपा बसपा रालोद गठबंधन ने 2014 में लगभग 2 लाख 45 हज़ार वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे ग्रीशचंद को मैदान में उतारा है वहीं क्षेत्र में लंबे समय से खाता न खोल पाने वाली कांग्रेस पार्टी ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुई पूर्व राज्यमंत्री ओमवती को मैदान में उतार कर नगीना सीट पर चुनावी टक्कर को और कांटे का बना दिया, दरअसल कांग्रेस प्रत्याषी ओमवती स्थानीय है और उनका क्षेत्र में खासा प्रभाव भी रहा है ऐसे में भाजपा और गठबंधन प्रत्याशी के बीच की जंग में अब कांग्रेस प्रत्याषी ओमवती के आ जाने के बाद इस सीट पर अब त्रिकोणीय चुनावी जंग के आसार भी बढ़ते जा रहे है इस सीट पर आगामी 18 अप्रैल को मतदान होना है चुनाव में अपनी अपनी पार्टीयों को जीत दिलाने के लिये प्रत्याशी और समर्थक भी दिन रात एक कर जनता के बीच वोट का सहारा मांगने जा रहे है हांलाकि ये इस सीट पर जनता किसे अपना नेता चुनती है और किसे नकारती है ये तो मतगणना के वक्त ही पता लगेगा लेकिन फिलहाल नगीना सीट पर कांटे का मुकाबला होना तय है