कृषि बिलों के विरोध में चक्का जाम

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जनपद बिजनौर मे संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर किसानों ने जगह-जगह चक्का जाम कर प्रदर्शन किया। मार्ग अवरूद्ध होने के कारण वाहनों की भी लंबी कतारें लग गई और काफी राहगीरों को परेशानी का सामना भी करना पड़ा।


दरअसल केन्द्र सरकार द्वारा लाये गये तीन कृषि कानूनों के विरोध में विभिन्न किसान संगठनों का प्रदर्शन चल रहा है। दिल्ली के गाज़ीपुर बाॅर्डर पर भी किसान सर्दी, गर्मी, बारिश और धूप झेलते हुए लगातार बैठे हैं। इतना समय बीत जाने के बाद भी इस समस्या का समाधान होता नही दिख रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा लगातार कहा जा रहा है कि ये बिल किसानों के फायदे के लिए बनाये गये हैं इससे किसानों की आय बढ़ने सहित विभिन्न फायदे बताये जा रहे हैं। दूसरी तरफ किसान संगठनों के नेताओं का कहना है कि जब सरकार ने ये बिल किसानों के फायदे के लिए बनाया है और किसानों को ही ये बिल मंजूर नही तो सरकार को ये बिल वापस लेने चाहिए।


लंबे समय से चल रहे आंदोलन के बावजूद सरकार द्वारा कोई सुनवाई न होने पर किसान संगठनों द्वारा कभी चक्का जाम तो कभी महापंचायतों का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया गया था। राष्ट्रीय आह्वान पर देशभर के साथ-साथ जनपद बिजनौर में भी भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों, सदस्यों तथा किसानों ने जगह-जगह चक्का जाम कर प्रदर्शन किया। जनपद बिजनौर में धामपुर, अफज़लगढ़, बिजनौर, नजीबाबाद, जलीलपुर, नूरपुर, किरतपुर, नहटौर, हल्दौर सहित जनपद के सभी स्थानों पर किसानों ने मुख्य मार्गों को ट्रैक्टर ट्राॅली आदि लगाकर अवरूद्ध कर दिया और बीच सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे। कई जगह किसान संगठनों के इस प्रदर्शन को कुछ राजनीतिक दलों का समर्थन भी मिला। किसानों के चक्काजाम से जगह जगह वाहनों की लंबी कतारें भी देखने को मिली।
इस दौरान जब प्रदर्शन करने वाले किसानों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जब तक केन्द्र सरकार द्वारा अपनी जिद छोड़कर काले कानूनों को वापस नही लिया जाता उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
वहीं कुछ स्थानों पर किसानों के आंदोलन को नज़र अंदाज़ कर व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों को खुला रखा। एक व्यापारी का कहना है कि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा व्यापार मंडलों को आंदोलन के बारे में कोई सूचना नही दी गई है इसलीए व्यापारी अपनी दुकाने खुली रखेंगे। वहीं दूसरी ओर एक व्यापारी का कहना है कि सरकार किसानों और व्यापारियों के हित के लिए काम कर रही है, वह सरकार के कार्यों से संतुष्ट हैं इसलिए वह सरकार के समर्थन मे अपने प्रतिष्ठान खोल रहे हैं।