नही रहे हिन्दी गीतो के शताब्दी पुरूष गोपाल दास नीरज

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हिन्दी गीतो के शताब्दी पुरुष पद्मभूशण गोपाल दास नीरज के निधन के बाद साहित्यजगत ने एक अमूल्य शख्सियत को खो दिया, 93 वर्शीय गोपाल दास नीरज ने दिल्ली के एम्स हाॅस्पिटल में अंतिम सांस ली तो जैसे साहित्य जगत और हिन्दी सिनेमा ने नायाब गीतकार और साहित्यकार को खो दिया, गोपालदास नीरज अलीगढ़ के जनकपुरी के रहने वाले थे जिन्होने हिंन्दी सिनेमा और साहित्यजगत को गीतो और रचनाओं की स्वर्णिम मालाये प्रदान की, गोपालदास नीरज पद्मभूशण, पद्मश्री और तीन बार हिन्दी फिल्म फेयर अवार्ड से नवाजे जा चुके है उनके निधन से जहां सिनेमा और साहित्यजगत में गहरा दुख है वहीं धामपुर में भी साहित्यकारो ने हिंदी गीतो के शताब्दी पुरूश को श्रद्धाजंलि अर्पित करने के लिये श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन किया, दिवंगत गोपाल दास नीरज को नगर के शहीद भगत सिंह चैक पर शोक संवेदनायें दी गई, दरअसल महान गीतकार गोपालदास नीरज का धामपुर से भी गहरा नाता रहा है अभी पिछले कुछ ही समय पूर्व वे धामपुर आये थे जहां उन्हे नागरिक अभिनंदन समारोह में सहर्ष सम्मानित करते हुए साहित्यिक नगरी धामपुर ने खुद को गौरवान्वित महसूस किया था, उनके निधन के बाद देश भर के साथ साथ साहित्यिकनगरी धामपुर में भी शोक व्याप्त है, श्रद्धाजंलि सभा में साहित्यकार गोपाल दास नीरज के शिष्य ड़ॉ शंकर लाल शर्मा, अरूण शर्मा , हरिकांत शर्मा सहित भारी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे