बिजनौर में गुलदार के हमले से हुई, युवक की मौत के बाद अब वन विभाग के अफसर हरकत में आ गए हैं। प्रधान वन संरक्षक वन्यजीव सुधीर कुमार शर्मा ने गुलदार को नरभक्षी घोषित कर दिया है। गुलदार को चिन्हित कर मारने के निर्देश दिए गए हैं। गुलदार की तलाश के लिए दो हाथी भी दुधवा नेशनल पार्क से बिजनौर पहुंच गए हैं। जो विशेषज्ञों की टीम के साथ जंगल में गुलदार की तलाश कर रहे हैं।
दरअसल, बिजनौर जिले में गुलदार ने आतंक मचा रखा है। इसी साल की अगर बात की जाए तो, अब तक गुलदार 11 लोगों की जान ले चुका है। जबकि इससे ज्यादा लोग गुलदार के हमले से घायल हो चुके हैं। हाल ही में 17 जुलाई को कोतवाली देहात क्षेत्र के मखवाड़ा की रहने वाली गुड्डी को गुलदार ने हमला कर मार डाला था। तब भी किसान यूनियन व ग्रामीणों ने हंगामा कर गुलदार को नरभक्षी घोषित किए जाने की मांग की थी, लेकिन तब वन विभाग ने उसे ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति दी थी। 27 जुलाई को फिर गुलदार ने तेलीपुरा गांव में खेत में काम कर रहे, संदीप को उसके पिता के सामने ही हमला कर मार डाला। संदीप की मौत के बाद गुस्साएं ग्रामीणों व किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने घंटों तक वन विभाग के खिलाफ जमकर हंगामा कर, गुलदार को नरभक्षी घोषित किए जाने की मांग की थी। बिजनौर डीएफओ अरुण कुमार सिंह ने शासन से गुलदार को मारने की अनुमति देने की मांग की थी। जिसको देखते हुए, मुख्य वन संरक्षक ने गुलदार को नरभक्षी घोषित करते हुए, मारने की अनुमति दे दी है। लेकिन एक शर्त भी लगा दी है, कि गुलदार को मारने से पहले चिन्हित किया जाएगा, कि यह वहीं गुलदार है, जो लगातार हमला कर रहा है। जिसके लिए दो एक्सपर्ट हथिनी को लाया गया है। गुलदार की खोज करने के लिए दुधवा राष्ट्रीय उद्यान से दो एक्सपर्ट हथिनी डायना और सुलोचना को, बिजनौर बुलाया गया है, जो गुलदार को चिन्हित करने के लिए विशेषज्ञों की टीम के साथ जंगल में गुलदार की तलाश कर रही है। विशेषज्ञों की टीम में गोरखपुर प्राणी उद्यान के डॉक्टर योगेश सिंह व कानपुर उद्यान के डॉक्टर नासिर को बिजनौर भेजा गया है। इसके अलावा वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के संयोजक जीपी सिंह भी टीम के साथ शामिल है।