हर्षोल्लास के साथ मनाया गया शिक्षक दिवस

0
448

संभल के मिशन अंतरराष्ट्रीय एकेडमी में शिक्षक दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर बच्चों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये और बच्चों ने शिक्षकों का रूप धारण करके कहानियां सुनाई।
कार्यक्रम की शुरूआत तिलावते कुरान पाक से की गई। इस मौके पर छात्रा नमरा आरिफ ने एक कविता सुनाई जिसमें शिक्षको के बारे में विस्तार से बताया गया तथा छात्र-छात्राओं द्वारा रंगारंग कार्यक्रम और नाटक का मंचन भी किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक मुशीर खां तरीन ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस दौर में शिक्षित होना बहुत जरूरी है, अगर किसी कौम को आगे बढ़ाना है तो उसको तालीम दिलाना सबसे बड़ा काम है। उन्होंने कहा बच्चों को चाहिए कि वह अपने अध्यापकों की ईज्ज़त करें क्योंकि अध्यापक ही उनको एक काबिल इंसान बनाते हैं। इस अवसर पर विद्यालय के स्टाफ और छात्र-छात्राओं सहित क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
उधर संभल के पंजाबी मंदिर में भी शिक्षक दिवस के अवसर पर हिन्दू जागृति मंच द्वारा शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न विद्यालयों के 22 शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। इस दौरान नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत उत्कृष्ट सेवाओं के साथ सेवानिवृत्त 22 शिक्षकों को शाॅल ओढ़ाकर तथा सम्मान पत्र भेंट कर अभिनंदन किया गया। साथ ही देश के द्वितीय उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। वहीं इस मौके पर कार्यक्रम में आये अतिथियों ने हिंदू जागृति मंच द्वारा शिक्षकों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम की सराहना की।
वहीं संभल की समाजसेवी संस्था हृयूमन केयर चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वाधान में भी शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
इस मौके पर विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ट्रस्ट के संस्थापक नाजिश नसीर खान ने कहा कि हमारे माता-पिता हमें जन्म देते हैं लेकिन हमें सही और गलत का फर्क बताने वाले शिक्षक ही हमारे असली चरित्र का निर्माण करते हैं और सही मार्ग दर्शन के साथ हमारे भविष्य को उज्जवल बनाते हैं। इसीलिए कहा जाता है कि शिक्षकों का स्थान हमारे माता-पिता से भी ऊपर होता है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हमारे शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार हमें जीवन में आगे बढ़ने और ऊंचाईयों को हासिल करने के लिए शिक्षा की जरूरत होती है और सभी लोगों को निस्वाथ भाव से एक शिक्षक ही शिक्षा प्रदान कर सकता है।