बाढ़ प्रभावित इलाको में बनाई गई चौकियां

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उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते बिजनौर के कई गांवो में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गये है अफजलगढ़ से गुजरने वाली नचना नदी में जलस्तर बढ़ने से आबादी क्षेत्र में लगभग 2 से 3 फिट पानी भर गया है अफजलगढ़ आबादी क्षेत्र के साथ अस्पताल में भी तीन फीट पानी भरा खड़ा है जिसके चलते स्वास्थ्य सुविधायें ठप पड़ गई है दरअसल उत्तराखंड की दोनो सीमाओं के बीच बिजनौर जिला पड़ता है जहां उत्तराखंड के कुमांऊ और गढ़वाल दोनो मंडलो से जनपद की सीमा जुड़़ी है उत्तराखंड की सीमा से जुड़ा होने के कारण गंगा, रामगंगा, मालन, खो, खासन, नचना, बनैली, गांगन, सुखरो और धारा नदी सहित 17 छोटी बड़ी नदियां है जो उत्तराखंड से निकलकर सीधे बिजनौर जिले में प्रवेशकरती है उत्तराखंड में होने वाली बारिश का सीधा प्रवाभ इन नदियों के जलस्तर पर पड़ता है जिसके चलते भारी बारिश के कारण इन नदियों में जलस्तर बढ़ गया है बारिश के कारण गंगा नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है जिस कारण हरिद्वारा के भीमगोडा बैराज से लगातर डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है इसी वजह से बिजनौर के तटीय इलाको के कई गांवो में बाढ़ से हालात हो गये है पानी आने से हज़ारेा हैक्टेयर भूमि और फसले जलमग्न हो गई है अफजलगढ़ शहरमें लगभग तीन फिट पानी आने से जनजीवन बुरी तहर प्रभावित है और लोगो को भारी नुकसान भी हो रहा है
उधर जनपद में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला प्रषासन ने भी कमर कस ली है स्थिति को देखते हुए बाढ़ प्रभावित इलाको में 34 बाढ़ चैकियां बनाई गई है और टीमो को रवाना कर दिया गया है वहीं मल्लाहो और गोताखोरो की भी तैनाती कर दी गई है