अफजलगढ़ का राजकीय आदर्श इंटर कालेज इन दिनो अपने जर्जर भवन पर आंसू बहा रहा है स्कूल की जर्जर हो चुकी इमारत दुर्घटनाओं को दावत दे रही है और बच्चे मजबूरन इस स्कूल भवन में पढ़ने को मजबूर है दरअसल 12 सालो पहले स्कूल के इस भवन का निष्प्रयोजित घोषित कर दिया गया लेकिन उसके बावजूद भी आज तक स्कूल में बिना मरम्मत शिक्षण कार्य जारी है ऐसे में स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की जान का जोखिम बना हुआ है इस स्कूल में कुल 20 कमरे है जिसमें से 3 कमरो में प्रयोगशाला है जबकि बाकी बचे 17 कमरो में पढ़ाई कराई जाती है प्रयोगशाला के रूप में प्रयोग किये जा रहे कमरे का पिछला हिस्सा और छत भी धराशाही होकर गिर चुकी है जबकि 4 अन्य कमरो की हालत बेहद खराब होने के कारण उन्हे बंद कर दिया गया है जिसके चलते अब बाकी बचे महज 13 कमरो में ही पूरे स्कूल का भार है और इन कमरो की हालत भी ज्यादा अच्छी नही है स्कूल के भवन की हालत ये है कि जरा सी बारिश में छत से पानी टपकने लगता है ऐसी स्थिति में कभी कभी स्कूल की छुट्टी भी करनी पड़ जाती है स्कूल के इस जर्जर भवन को वर्ष 2006 में निष्प्रयोजित घोषित करने के बाद भी स्कूल में लगातार शिक्षण कार्य जारी है स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी अब जर्जर भवन से भयभीत है उधर स्कूल प्रशासन की माने तो कई वर्ष बाद उनके द्वारा और अभिभावको द्वारा भी उच्चअधिकारियों से नये भवन निर्माण की मांग की गई, लेकिन कोई सुनवाई नही हो पाई, ऐसे में साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन जर्जर भवनो में खौफ के साये में शिक्षा लेने को मजबूर छात्र-छात्राओं का भविष्य क्या होगा