जिस उम्र में बच्चे खिलौनों से खेलने में व्यस्त रहते हैं या फिर अपने बड़ों की गोद में बैठकर प्यार का आनंद उठाते हैं उस उम्र में हर्षिता ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया कि बच्चे तो बच्चे बड़े भी दांतों तले उंगली दबा लें। मात्र 4 साल की बच्ची हर्षिता ने अपनी छोटी सी उम्र में वह काम कर दिखाया कि हर्षिता के परिजनों का सर गर्व से ऊंचा हो गया।
दरअसल नजीबाबाद के आर.आर. मोरारका स्कूल की एलकेजी में पढ़ने वाली हर्षिता माहेश्वरी ने अपनी प्रतिभा के बल पर अपना नाम इंडिया बुक आॅफ रिकाॅर्ड में दर्ज कराकर अपने क्षेत्र और परिवार का नाम रोशन कर दिया है। हर्षिता ने हिंदी अग्रेज़ी वर्णमाला, स्वर व्यंजन, उल्टी गिन्ती, हिन्दी अंग्रेज़ी की 51 कविताएं, पांच कहानियां, 95 सामान्य ज्ञान के प्रश्नोत्तर, भगवानों की पहचान, रंगों की पहचान, फल, सब्ज़ियां और जानवरों के नाम आदि की उत्कृष्ट प्रस्तुति के साथ अपना नाम इंडिया बुक आॅफ रिकाॅर्डस में दर्ज कराया है। हर्षिता की छोटी सी उम्र में प्राप्त की गई इस उपलब्धि से परिजन खुशी से फूले नही समा रहे हैं।
हमारे देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नही है, लकिन प्रतिभाओं को उचित मार्गदर्शन न मिल पाने के कारण प्रतिभाएं समय से पहले ही नष्ट हो जाती हैं। इसलिए हमें जरूरत है ऐसी प्रतिभाओं को सही मार्गदर्शन और अपनों के साथ की ताकि वे अपनी प्रतिभा को निखार कर अपने देश, क्षेत्र और परिवार का नाम रोशन कर सकें।