बदलते दौर के साथ हमारे जीवन यापन में उपयोगी एवं जीवन यापन से जुड़ी तमाम चीज़ों में भी बदलाव होता जा रहा है। जैसे-जैसे महंगाई बढ़ रही है वैसे ही छोटे-छोटे काम करके अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले लोगों की कठिनाईयां भी बढ़ रही हैं। ऐसा ही एक काम है मोची का जो लोगों के टूटे जूते-चप्पल ठीक करके अपना रोजगार चलाते हैं। आज की इस स्पेशल स्टोरी में हम बात करने वाले हैं बढ़ती महंगाई के दौर में मोची समाज के सामने आने वाली परेशानियों की। जैसे जैसे वक्त बदल रहा है लोग पुरानी चीज़ों को भूलते ही जा रहे हैं। आज के वक्त में जब किसी के जूते या चप्पल खराब हो जाते हैं तो वह उसे ठीक कराने की नही बल्कि नया खरीदने की सोचते हैं। ऐसे मंे मोची का काम करने वाले मजदूरों के सामने रोजगार का संकट बनता दिखाई दे रहा है। इस मामले को और गहराई से जानने के लिए जनपद बिजनौर के स्योहारा में हमारे संवाददाता नजम सिद्दीकी ने स्योहारा नगर में कुछ स्थानों पर काम करने वाले मोचियों से ग्राउण्ड लेवल पर जाकर उनके रोजगार के बारे में जाना। तो आईये देखते हैं क्या कहना है मोची समाज के लोगों का कि बढ़ती महंगाई के दौर में काम कम होने के बावजूद किस तरह वह अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं –