मकान पक्के और दिल कच्चे होते गए

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    शेख जमाल के मकान पर मौजूद पर्यावरणविद राकेश खत्री और समाजसेवी मनोज कुमार वर्मा मेजर रईस अहमद चौधरी आदि का कहना है, कि घरेलू चिड़िया कम होने का कारण खाद्य श्रृंखला में परिवर्तन – डॉ राकेश खत्री। कांता प्रसाद पुष्पक। पर्यावरणविद राकेश खत्री का कहना है कि हमारी घरेलू चिड़िया गौरैया लगातार विलुप्त होती जा रही है । इसका मुख्य कारण खाद्य श्रृंखला में तेजी से हो रहा परिवर्तन है। उनका कहना है कि पहले मकान कच्चे हुआ करते थे उनमें रोशनदान हुआ करते थे जहां पर चिड़ियों के बैठने के लिए और रहने के लिए स्थान उपलब्ध थे। धीरे-धीरे मकान पक्के होते गए दिल कच्चे होते गए। लोगों ने मकानों में रोशनदान भी बनाने बंद कर दिए जबकि पुराने टाइम में कहा जाता था कि मकान में रोशनदान और रिश्तो में आवाजाही जरूरी है। यह विचार राकेश खत्री प्रसिद्ध पर्यावरणविद् पक्षी प्रेमी स्योहारा में शेख जमाल सिद्दीकी के मकान पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उनका कहना है कि शेख जमाल सिद्दीकी ने कई पीढ़ियों से अपने यहां गोरियों का आवाजाहि बना रखी है। प्राकृतिक वातावरण उपलब्ध करा रखा है। और जिस कारण यहां पर हजारों चिड़िया मौजूद हैं। उन्होंने स्वयं शाम 5ः00 बजे चिड़ियों का विभिन्न स्थानों से आगमन होते देखा। खत्री के साथ उनकी पत्नी भी इस नजारे को देखने के लिए यहां मौजूद थे। इस मौके पर रोटरी क्लब के अध्यक्ष डॉ मनोज कुमार वर्मा, सचिव कांता प्रसाद पुष्पक, पास्ट प्रेसिडेंट मेजर रईस अहमद चौधरी, एडवोकेट तुफैल अहमद ,भाजपा नेता बदर खान, शेख फरांज और साज अली आदि मौजूद रहे ।

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