धामपुर में मनाई गई महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वी जयंती

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    विभिन्न कार्यक्रमों के रूप में धामपुर में मनाया गया महर्षि दयानंद सरस्वती का 200 वीं जयंती महोत्सव।
    जानकारी के अनुसार धामपुर के रेलवे स्टेशन के निकट आर्य समाज में आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती जी का 200 वां जयंती महोत्सव विभिन्न कार्यक्रमों के रूप में धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान भजन उपदेशकों ने विभिन्न भजनों के माध्यम से महर्षि दयानंद के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों के रूप में पहुंचे गणमान्य नागरिकों को केसरिया पटके एवं पगडियां भेंट करके सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ आर्य समाज धामपुर की प्रबंध समिति के प्रधान देवानंद आर्य तथा वरिष्ठ उप प्रधान महेश शर्मा ने कई दशकों की परंपरा के अंतर्गत ध्वजारोहण से किया। इस मौके पर आयोजित सामूहिक हवन यग्या के मुख्य यजमान नगर के समाजसेवी चिकित्सक एवं दमयंती देवी प्रेरणा संस्थान के संस्थापक डॉक्टर आदित्य अग्रवाल एवं उनकी धर्मपत्नी डॉक्टर मोनिका अग्रवाल, होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर अंकुर वर्मा एवं सोनी वर्मा, मनोज कुमार अग्रवाल एवं संगीता अग्रवाल, नगर के समाजसेवी अशोक कुमार अग्रवाल होंडा एवं उनकी धर्मपत्नी शालिनी अग्रवाल रहे। हवन यग्या कार्यक्रम ब्रह्मा बेदी पर विराजमान अजय पाल धीमान आर्य ने वैदिक पद्धति के अंतर्गत संपादित कराया। भजन उपदेशक ग्राम सरकथल निवासी विक्रम देव आर्य तथा ग्राम अमखेडा निवासी योगेंद्र सिंह आर्य ने विभिन्न भजनों की प्रस्तुतियों के माध्यम से महर्षि दयानंद सरस्वती जी के जीवन दर्शन की बिंदुवार विवेचना की। इस मौके पर उपस्थित संगतकारों में पारस पुष्पक, चिंटू मुरादाबादी, अभिषेक कुमार, प्रतीक अग्रवाल सहित आदि शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन आर्य समाज धामपुर के प्रधान देवानंद आर्य ने किया। कार्यक्रम में आर्य समाज धामपुर के प्रधान देवानंद आर्य तथा वरिष्ठ उप प्रधान महेश शर्मा ने बताया कि आज महर्षि दयानंद सरस्वती जी की जन्मस्थली टंकारा गुजरात में भी भव्य कार्यक्रम हो रहा है और गौरव का विषय है उक्त कार्यक्रम की मुख्य अतिथि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बनाई गई है। उन्होंने बताया कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने महिला शिक्षा को बढावा देने तथा समाज में व्याप्त कुरीतियों एवं बुराइयों का उन्मूलन करने के साथ ही देश की आजादी के लिए क्रांतिकारियों को तैयार करने में अपना जो योगदान दिया है। वह हमेशा इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा।
    धामपुर से साकिब शैख की रिपोर्ट।