चांदपुर के देवी मंदिर में चल रही श्रीमद् देवी भागवत कथा का श्रवण पान कराते हुए कथा के छठे दिवस में कथावाचक सौरभ कौशिक महाराज ने श्रोताओं को मां दुर्गा की दिव्य शक्तियों के बारे में बताते हुए कहा मां जगदंबा की शक्ति एवं उनका पराक्रम अतुलनीय है। कथा व्यास पंडित सौरभ कौशिक ने यह भी बताया कि आखिर देवकी और वसुदेव जी को कंस की कारागास में क्यों रहना पडा क्या कारण था। कथावाचक ने श्रोताओं को समझाते हुए कहा की पूर्व काल में यह देवकी कश्यप मुनि की पत्नी अदिति थी। कश्यप मुनि की दूसरी पत्नी दिती द्वारा ही इनको यह श्राप दिया गया था। पूर्व जन्म में अदिति के पुत्र इंद्र ने माता दिती के गर्भ के सात टुकडे कर दिए थे। जिस कारण देती ने अदिति को श्राप दे दिया कि तुम्हारे 7 पुत्र पैदा होते ही तुरंत मर जाएंगे और आपको कारागास में भी रहना पड़ेगा। उसी श्राप के कारण वही अदिति अगले जन्म में देवकी बनी और कंस द्वारा कारागार में बंद कर दिया गया। तथा उसके सात पुत्रों को भी मार दिया गया और बहुत कष्ट सहे। कथावाचक सौरभ कौशिक महाराज ने कथा के दौरान भगवान श्री कृष्ण के अवतार की कथा सुनाते हुए श्री कृष्ण का प्रकट उत्सव बडे धूमधाम से मनाया। जिसमें सुंदर सुंदर भजनों के साथ भक्ति में नाचे और झूमकर आनंद लिया। छठे दिन की कथा के यजमान वीरेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट एवं प्रभात कुमार चौहान सपत्नी रहे। कथा में व्यवस्था बनाने में मोहित अग्रवाल, कौशिक चंद्रा, जगत शर्मा, राहुल तायल, अनिल अग्रवाल आदि का सहयोग रहा।
चांदपुर से अजय कुमार कौषिक की रिपोर्ट।