ख़ुशबू की मृत्यू के मामले में पति योगराज धारा 306 के अंतर्गत गिरफ़्तार

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    ख़ुशबू की मृत्यू के मामले में पति योगराज धारा 306 के अंतर्गत गिरफ़्तार, पति योगराज ने ख़ुशबू के परिजनों को बिना सूचित कर किया था अंतिम संस्कार, साले की षादी में प्रेमी सोनू को शादी का कार्ड देने को लेकर पति योगराज की पत्नि ख़ुशबू से चल रही थी अनबन।
    थाना धामपुर पुलिस के अनुसार दिनांक 02.05.2024 को वादी चन्दन पुत्र मनोज चौहान निवासी ग्राम नरसिंहपुर थाना देवगांव जनपद आजमगढ द्वारा थाना धामपुर पर तहरीर दी गयी कि अभियुक्तगण योगराज व ममतेश पुत्रगण मूलचन्द, गगन व सोनू पुत्रगण महेश, मोनू पुत्र रमेश, रेखा पत्नी ममतेश निवासीगण ग्राम हकीमपुर नारायण उर्फ नंगला थाना धामपुर द्वारा दिनांक 25.04.2024 को वादी की बहन के साथ मारपीट की गयी। दिनांक 29.04.2024 को वादी को पता चला कि उपरोक्त अभियुक्तगण द्वारा वादी की बहन को मार दिया तथा हम लोगों को बिना बताये वादी की बहन का अंतिम संस्कार भी कर दिया। तहरीर के आधार पर थाना धामपुर पर केस दर्ज किया गया। विवेचनात्मक कार्यवाही के दौरान अभियोग से धारा 302 भादवि का लोप कर धारा 306 भादवि की वृद्धि की गयी। दिनांक 03.05.2024 को थाना धामपुर पुलिस द्वारा अभियुक्त योगराज पुत्र मूलचन्द निवासी ग्राम हकीमपुर नारायण थाना धामपुर को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त की निशादेही पर मृतका की जली हुई अस्थियां, मेटल की 2 चूड़ी व दो चेन बरामद की गयी। अभियुक्त ने पुलिस पूछताछ में बताया कि मेरी शादी लगभग 10 वर्ष पूर्व खुशबू से हुई थी। हम दोनो के दो बच्चे है। मेरे साले चन्दन चौहान की शादी दिनांक 25.04.2024 को होना तय थी। मेरे ससुर मनोज चौहान ने दिनांक 21.04.2024 को अपनी छोटी लडकी तनु की सगाई भी मेरे ही गाँव के मोनू पुत्र रमेश के साथ तय की थी और मोनू को भी शादी में आने का निमन्त्रण दिया था। मेरी पत्नी खूशबू ने मेरे ही गाँव के सोनू व उसके भाई गगन पुत्रगण महेश को भी शादी का कार्ड अपने पिताजी से दिलवाया था। मैं नही चाहता था कि सोनू और गगन मेरे साले की शादी में शामिल हो क्योंकि सोनू का मेरी पत्नी खुशबू से प्रेम-प्रसंग था तथा लगभग 05-06 महीने पहले मैने अपनी पत्नी खुशबू को सोनू के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। लेकिन खुशबू नही मानी और जबरदस्ती सोनू व गगन को हमारे साथ शादी में ले गयी। अपने साले की शादी में शामिल होने के लिए हम सब लोग ट्रेन से दिनांक 23.04.2024 को आजमगढ गये थे। मै चाहता था कि मेरी पत्नी सोनू से बात न करे परन्तु मेरी पत्नी खुशबू मेरी बात नही मानती थी और लगातार सोनू के सम्पर्क में रहती थी इसी बात को लेकर मेरी कई दिन से खुशबू से अनबन चल रही थी। सोनू भी मेरी पत्नी पर दबाव बनाये हुये था कि तू अपनी बहन की शादी मोनू की बजाय मेरे भाई गगन से करा। दिनांक 29.04.2024 को मैं तथा मेरे घरवाले खेत पर गये हुए थे। दोपहर करीब 01.00 बजे जब मैं घर पर पहुँचा तो मैने देखा की मेरी पत्नी दुपट्टे के सहारे पंखे से लटकी थी, मैने तुरन्त दराती से फंदे को काट दिया और अपनी पत्नी को उतारा लेकर तब तक वह मर चुकी थी। इस दौरान गाँव के अन्य कई लोग भी आ गये थे जिन्होने मुझे समझाया कि तुम इस घटना की सूचना अपनी पत्नी के मायके वालो और पुलिस को दे दो। उसके बाद मैने घटना की जानकारी अपने भाई ममतेश व सोनू पुत्र महेश को दी तो मेरा भाई ममतेश तथा सोनू अपने भाई गगन के साथ आ गया और मोनू भी आ गया। सोनू ने मुझसे कहा कि इसमें हम तुम दोनो लोग फंस जायगे और बगैर किसी को बताये चुपचाप इसका अन्तिम संस्कार कर दिया जाये। मेरी समझ में भी सोनू की बात आ गयी कि मायके वाले आयेगे कही पुलिस केस न कर दे इसलिए हमने इसके मायके वालो को सूचना नही दी। मैं तथा सोनू दोपहर में ही खेतो के रास्ते खुशबू के शव को कंधे पर लादकर गाँव के शमशान में ले गये और गगन तथा मोनू और मेरा भाई ममतेश पीछे से ईंधन लेकर आ गये और हमने दोपहर में ही खुशबू का अन्तिम संस्कार कर दिया। जिसका गाँव के लोगो को पता नही चल पाया लेकिन फिर भी किसी तरीके से सूचना खुशबू के मायके वालो को लग गयी। खुशबू के घरवालो ने हम लोगो के विरुद्ध मुकदमा लिखवा दिया। जिस दुपट्टे से खुशबू ने फाँसी लगायी थी उस दुपट्टे को भी शव के साथ ही जला दिया था।
    धामपुर से साक़िब शैख़ की रिपोर्ट।