लंदन में 12 साल के एक बच्चे ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिस पर आसानी से यक़ीन नहीं किया जा सकता। स्कूल की छुट्टियों के दौरान 12 साल के बेन्यामिन अहमद ने ‘वीयर्ड व्हेल्स’ नाम का पिक्सलेटेड आर्टवर्क बनाया, जिसे बेचकर उन्होंने दो करोड़ रुपये की कमाई की है।
बेन्यामिन ने इन डिज़िटल तस्वीरों को एनएफ़टी (नॉन फंजिबल टोकन्स) को बेचा, जहाँ उनकी इस रचनात्मकता के लिए उन्हें क़रीब दो करोड़ 93 लाख रुपए का भुगतान किया गया। एनएफ़टी के माध्यम से किसी कलाकृति को “टोकन” किया जा सकता है. इससे एक डिज़िटल सर्टिफ़िकेट बन जाता है और फिर कलाकृति को ख़रीदा और बेचा जा सकता है। वे आम तौर पर ख़रीदार को वास्तविक कलाकृति या उसका कॉपीराइट नहीं देते हैं।
बेन्यामिन के साथ पढ़ने वालों को शायद अभी तक नहीं पता है कि उनके एक दोस्त ने घर बैठे दो करोड़ कमाए हैं। हालांकि बेन्यामिन अपने शौक, पसंद-नापसंद से जुड़े कई वीडियो अपने यू-ट्यूब चैनल पर शेयर करते रहते हैं। 12 साल के बेन्यामिन को स्विमिंग, बैडमिंटन खेलना और ताइक्वांडो प्रैक्टिस करने में मज़ा आता है।
बेन्यामिन के पिता इमरान एक सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं। उन्होंने ही बेन्यामिन और उनके भाई यूसफ़ को पाँच और छह साल की उम्र से ही कोडिंग शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया। इमरान कहते हैं, “ये बात सही है कि बच्चों को तकनीकी विशेषज्ञों से बात करके सलाह और मदद मिली लेकिन फिर भी वे ऐसा कर सके, यह गर्व की बात है।”