सांध्य दैनिक पब्लिक इमोशन के तत्वाधान में एक और सफल कार्यक्रम हुआ सम्पन्न ।

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डॉ पंकज भारद्वाज के मार्गदर्शन एवं साहित्यलोक, सांध्य दैनिक पब्लिक इमोशन के तत्वाधान में एक और सफल कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
नगर के प्रतिष्ठित साहित्यकार, भूतपूर्व प्रवक्ता एवं स्थायी लोक अदालत के भूतपूर्व जज अशोक निर्दाेष की दो पुस्तकों , चिंतन के स्वर(अभिनव निबंध) एवं मैं सांप पालता हूँ ( व्यंग संग्रह) का विमोचन एवं लोकार्पण समारोह जैन धर्मशाला बिजनौर के सभाकक्ष में बड़ी धूमधाम से सम्पन्न हुआ। लोकार्पण समारोह दो सत्रों में किया गया , पहले सत्र में अभिनव निबंध संग्रह चिंतन के स्वर का लोकार्पण हुआ जिसकी अध्यक्षता प्रो0 जगदीश प्रसाद सविता जी ने की एवं मंच संचालन डॉ पंकज भारद्वाज द्वारा किया गया, सूर्यमणि रघुवंशी द्वारा अशोक निर्दाेष जी के व्यक्तित्व पर चर्चा से सत्र का प्रारम्भ हुआ उसके बाद वरिष्ठ साहित्यकारों डॉ योगेंद्र प्रसाद, डॉ मेघपाल सिंह, डॉ ओ पी त्यागी एवं डॉ शंकर लाल शर्मा द्वारा पुस्तक की विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत की गई।
द्वितीय सत्र में व्यंग संग्रह मैं सांप पालता हूँ का लोकार्पण वरिष्ठ साहित्यकार ज्ञानेंद्र सिंह हरित की अध्यक्षता एवं डॉ पंकज भारद्वाज के संचालन में समन्न हुआ इस सत्र में नेमपाल प्रजापति भोलानाथ त्यागी डॉ जितेंद्र जीतू, डॉ अजय जनमेजय द्वारा पुस्तक की विस्तार से समीक्षा की गई एवं दोनों पुस्तकों के सम्पादक डॉ गजेंद्र बटोही द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।
इस मौके पर नगर के साहित्यकारों के साथसभी क्षेत्रों के प्रमुख प्रतिनिधि उपस्थित रहे जिनमे प्रमुख थे डाव टी सी अग्रवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष सुभाष वाल्मीकि, हितेश शर्मा,चंद्रवीर सिंह गहलौत, राजीव सिंह एडवोकेट, मयंक मयूर, अर्चना चौहान, दामिनी ठकराल,जेपी वार्ष्णेय,जोगेंद्र वालिया, साहित्यांचल कोटद्वार के अध्यक्ष डा व जनार्दनबुडकोटी, डा अशोक गिरि, चक्रधर कमलेश, दिल्ली से डाव इक़बाल नादान, अनुकृति वर्मा,रजनीश अग्रवाल, डाव ए के अग्रवाल, डाव बागेश, डाव दिग्विजय सिंह,महिमा अग्रवाल, डाव मीना बक्शी,राजुल त्यागी,छवि कौशल, डाव अनिल शर्मा अनिल,सुमन चौधरी,मनोज मानव,नीरजकांत सोती,प्रेम शर्मा प्रेम, आर एस कोठरी, एस के बबली, एम पी सिंह आदि। मौजूद रहे।