श्रद्धालुओं ने मंदिर में की पूजा अर्चना

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शारदीय नवरात्रों का शुभारंभ हो चुका है। हर वर्ष शारदीय नवरात्रों के शुरू होते ही बाज़ारों में रौनक लौट आती है और मंदिरों को सजाने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। कई स्थानों पर नवरात्रों के पहले दिन से ही मंदिरों पर मेले भी लगाये जाते हैं। सुबह सवेरे ही महिलाएं मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना करती हैं।
इसी क्रम में इस वर्ष भी शारदीय नवरात्रों के प्रथम दिन नगीना के प्राचीन रामलीला मां काली मंदिर पर शारदीय नवरात्रों के प्रथम दिन महिलाएं नंगे पैरों सुबह माता के मंदिर में पहुची और पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। कहा जाता है कि यह मंदिर काफी प्राचीन है और यहां मनोकामना लेकर आने वाले भक्तों की सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं।
उधर धामपुर में भी शारदीय नवरात्रों के प्रथम दिन नगीना मार्ग पर स्थित कालिया वाले मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालु मंदिर में पहुंचे और मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर कालिया वाले मंदिर परिसर पर मेला लगाया गया। बीते वर्ष कोरोना के चलते नवरात्रों का पर्व कुछ फीका रह गया था। लेकिन इस वर्ष शासन की गाईडलाइन्स का पालन करते हुए श्रद्धालु मंदिर में पहुंच रहे हैं।
वहीं अफज़लगढ़ में भी नगर के प्राचीन बड़ा शिव मंदिर में दुर्गा पूजा समिति द्वारा नवरात्रों के अवसर पर मां भगवती की अखंड ज्योति जगाई गई। इस मौके पर दुर्गा पूजा समिति के सदस्य रोबिन अग्रवाल ने बताया कि माँ की अखंड ज्योति बड़े शिव मंदिर स्थित माता रानी के भवन में पूरे नवरात्रों तक प्रज्जवलित रहेगी।