वन विभाग की पकड़ में नहीं आ रहा गुलदार, ग्रामीणों में खौफ

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रेहड़ में ख़ौफ़ का पर्याय बना गुलदार लाख कोशिशों के बाद भी, वन विभाग की पकड़ में नही आ रहा है। गुलदार को लेकर महाप्रबंधक उत्पादन वन निगम ने भी मौके पर जाकर वन विभाग की तैयारियों का जायजा लिया।
दरअसल, गुलदार के बढ़ते आतंक से ग्रामीणों में भय बढ़ता जा रहा है। बताते चलें कि दो माह पूर्व 19 अप्रैल को कासमपुरगढ़ी में एक वृद्ध। 23 अप्रैल को गांव उदयपुर में एक दस वर्षीय बालिका जबकि 25 अप्रैल को पंचायत जाब्तानगर के मौजा मुस्सेपुर में एक छह वर्षीय बच्ची को अपना निवाला बना लिया था। जिससे क्षेत्रीय ग्रामीणों में अपने परिजनों, पालतू पशुओं आदि की सुरक्षा को लेकर वन विभाग के प्रति रोष भी पनपने लगा था। लेकिन उसके बाद रेहड़ क्षेत्र में गुलदार के हमलो में कमी आती गई, हालांकि अफजलगढ़ क्षेत्र में गुलदार के हमलो कि सूचना आती रही। लेकिन कोई जनहानी नही होने से आम जिंदगी धीरे धीरे पटरी पर लौटने लगी। अचानक दो माह बाद 21 जून को गुलदार ने अफजलगढ़ के गांव मौहम्मदपुर राजौरी में एक अधेड़ महिला को शाम के समय शिकार तब बना डाला जब वो चारे के गठ्ठर लेकर घर आ रही थी। 24 घण्टे बीतते बीतते 22 जून को फिर गुलदार ने रेहड़ के गांव मच्छमार के बादशाहपुर में डेरे पर रह रहे। एक सिख परिवार के दस वर्षीय बच्चे को उस समय निवाला बना लिया जब वो अपनी छोटी बहन के साथ खेत मे लगे ट्यूबेल पर नहा रहा था। घटना के तीसरे दिन गुलदार ने फिर गांव मच्छमार में दो युवकों को जख्मी कर दिया। गनीमत रही कि शोर सुनकर आये ग्रामीणों को देख गुलदार जंगल की ओर भाग गया। दो माह बाद अचानक से बढ़े हादसों से ग्रामीण सहमे हुए है। हॉलांकि वन विभाग ने गुलदार को घेरने के लिए छह पिंजरे व दस कैमरा ट्रैप भी लगाए है। ताकि उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। ट्रेंकुलाइज की परमिशन मिलने पर पीलीभीत टाइगर रिजर्व से गुलदार को ट्रैंकुलाइज करने के लिए। डॉक्टर दक्ष गंगवार के नेतृत्व में टीम भी आयी। गश्त बढाने के लिए पांच टीमें भी लगायी गयी। काशीपुर व पतरामपुर उत्तराखंड वन विभाग का सहयोग भी लिया गया। दोनों की सयुक्त बैठके भी हुयी। लेकिन गुलदार वनविभाग के हाथ नही लगा।
ड्रोन में गुलदार के कैद हो जाने पर वन विभाग ने एक सात बीघा गन्ने के खेत में जाल लगाकर घेराबन्दी भी कर ली। हालांकि वन कर्मियों ने गुलदार को ट्रैंकुलाइज करने का दावा भी किया। लेकिन गुलदार को नही पकड़ सके। 24 घण्टे में गुलदार पकड़ लेने का दावा करने वाली नवागत रेंजर अमानगढ़ खुशबू उपाध्याय की ग्रामीणो से गरमा गरम नोकझोंक भी हुई। माहौल गर्म होता देख रेंजर सहयोगी के साथ बाइक पर सवार होकर मौके से खिसक गयीं। बिना वर्दी के भीड़ में हाथ मे रिवाल्वर लेकर चलने पर रेंजर अमानगढ़ के वीडियो व फोटो भी खूब वायरल हुये। बुधवार को ग्यारह बजे वन विभाग ने खेत से जाल आदि हटा लिए। बुधवार शाम लखनऊ से आये महाप्रबंधक उत्पादन वन निगम ने पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना दी तथा वन कर्मियों से गुलदार को पकड़ने की तैयारीयो में और तेजी लाने को कहा। गुलदार के नही पकड़े जाने से ग्रामीण ख़ौफ़ के साये में जीने को मजबूर हैं।