भाई बहन के स्नेह और प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन के त्यौहार के चलते आकर्षक और रंगीन राखियों से बाज़ार गुलज़ार हो गए हैं। इस बार बाज़ार में चाईनीज़ राखियों की जगह स्वदेशी राखियों को अधिक प्राथमिकता मिल रही है। कोरोना के चलते बाज़ार में कुछ उदासी ज़रूर है लेकिन रक्षाबंधन का त्यौहार आते ही राखियों की खरीद पहले से ही शुरू हो गई है। बाज़ार में युवाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए अलग-अलग तरह की राखियां मौजूद है।