मेरठ बिजनौर की सीमा पर सटे जंगल पर भू माफियाओ का दोबारा से कब्जा

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    वर्ष 2023 की शुरुआत में बिजनौर एवं मेरठ जिले की सीमा को लेकर काफी तनाव एवं विवाद रहा। मेरठ जिला प्रशासन द्वारा हाई कोर्ट, इलाहाबाद आदेश पर दो माह तक कड़ी मशक्कत के बाद भूमाफियाओं के घुटने तोड़ते हुए, मेरठ जिले के ग्राम मनोहरपुर आदि मौजे का रकबा 315 हेक्टेयर जंगल में से लगभग 4 हजार बीघा से अधिक जंगल भू माफियाओ के कब्जे से खाली कराया था। इसके अधिकांश भाग में वृक्षारोपण कर लिया गया है। मवाना तहसील के मौजा मनोहरपुर व बधवी के जंगल पर अवैध रूप से खेती करने के आरोप में ,बिजनौर जिले की चांदपुर तहसील के ग्राम नारनौर के 30 से अधिक किसानों पर ,सरकारी भूमि पर कब्जा करके खेती करने पर धारा 67 की कार्यवाही की गई। जो आज भी तहसील मवाना में विचाराधीन है।
    चांदपुर मे हस्तिनापुर मार्ग पर सड़क से दक्षिण दिशा की ओर लगभग 500 बीघा जंगल में मवाना तहसील के हस्तिनापुर वन विभाग के, अधिकारियों की मिली भगत से माफियाओं द्वारा गेहूं एवं सरसों की फसल बो दी गई है। अब यह जंगल खेती का फॉर्म बन गया है। लगभग 500 बीघा जंगल में अचानक गेहूं एवं सरसों की फसल बोने की चर्चा क्षेत्र में आग की तरह फैल गई है। किसानों का कहना है। कि मवाना तहसील के वन विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से दबंगो को खेती करने के लिए नियम विरुद्ध जमीन दी गई है। जिसमें अचानक गेहूं एवं सरसों की फसल बोयी गई है। मेरठ जिले की मवाना तहसील के ग्राम समाज के जंगल को लेकर दबंग एवं भू माफियाओ में काफी तनातनी रहती है। हथियारों से लैस भू माफियाओ अपनी वर्चस्व की लड़ाई को लेकर में कई बार जंगल में फायरिंग हो चुकी है। जिसमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है। अधिकारी पैसे के लालच में भू माफियाओं से हमसाज होकर सरकारी जमीन पर खेती कराने को आमादा है। अगर ऐसा ही हाल रहा तो इस जमीन को लेकर फिर खूनी होली खिल सकती है। इस संबंध में वन क्षेत्राधिकारी हस्तिनापुर तहसील मवाना जनपद मेरठ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, मामला मेरी जानकारी में नहीं है जांच कराई जाए