अफज़लगढ़ क्षेत्र में बीती रात हुई भारी बारिश क्षेत्रवासियों के लिए आफत बन गई।
क्षेत्र के भोगपुर, नारायणवाला और माधोवला आदि गांव के बीच में बह रही धारा व अन्य नदियों में जलस्तर बढ़ने से आफत खड़ी हो गई। नदी बर बने बन्दे पर बारिश का पानी धीरे-धीरे पार हो रहा था जिसे देख सैकड़ों ग्रामीण इकट्टा हुए और बामुश्किल बन्दे से हो रहे रिसाव को बन्द किया। वहीं गांव भोगपुर में वर्षा का पानी खेतों में आने से करीब 300 बीघा फसल नष्ट हो गई। इसके अलावा गांव में बूटा सिंह और गुरमेज सिंह के बच्चे मकान भी भारी वर्षा के कारण धाराशायी हो गये जिसके बाद पीड़ितों ने मजबूरन दूसरों के घरों में रात बिताई। पीड़ितों ने विभागीय अधिकारियों से मुआवज़े की मांग की है।
ग्राम प्रधान मंगत सिंह कंबोज ने बताया कि क्षेत्र में तीन नदिया हैं जिसमें वर्षा के कारण जलस्तर बढ़ जाता है और पूरा गांव जलमग्न रहता है।
वहीं दूसरी ओर भूतपुरी क्षेत्र में भारी बारिश के कारण बनैली नदी का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। नदी का पानी सड़क पर आ जाने के कारण कई गांवों का संपर्क टूट गया। जिस मार्ग पर नदी का पानी आया उससे क्षेत्र के दर्जनों गांव जुड़ते हैं और वहां से कई बच्चे भूतपुरी स्थित स्कूलों में पढ़ने जाते हैं। लेकिन जलस्तर बढ़ने के कारण स्कूली छात्र-छात्राओं को घर पहुंचने के लिए घंटों का इंतज़ार करना पड़ा। वहीं स्कूल का समय समाप्त होने के बाद भी बच्चों के घर न पहुंचने से अभिभावकों की चिंता भी बढ़ गई। काफी इंतज़ार के बाद आखिरकार थक हारकर बच्चों को कई किलोमीटर की पैदल यात्रा कर घर वापिस लौटना पड़ा।
उधर अफज़लगढ़ क्षेत्र के अगवानपुर स्थित वृहद गौ संरक्षण केन्द्र में भी भारी बारिश के चलते पानी भर गया। जिसके चलते संरक्षित गौवंश और गाय 3 फीट तक भरे पानी में खड़े रहने को मजबूर हो गई। सूचना पर पहुंचे उपजिलाधिकारी धामपुर धीरेन्द्र सिंह ने टीम के साथ मौके का मुआयना किया तथा गौशाला कर्मचारियों की मदद से गाय तथा गोवंशों को पानी से बाहर निकलवाकर निकट वर्ती फार्म में भिजवाने की व्यवस्था कराई। उपजिलाधिकारी की सूझबूझ के चलते सैकडों गायों का जीवन सुरक्षित हुआ। वहीं इस मौके पर उपजिलाधिकारी धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि गौशाला में दोबारा ऐसी परेशानी न हो इसके लिए पुख्ता इंतेज़ाम कराने का प्रयास किया जायेगा।