जनपद भर में दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण किसानों की धान की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। कहीं कहीं तो किसानों की पूरी पूरी फसल ही बह गई हैं। कहीं नदियां उफान पर हैं तो कही पानी की निकासी न होने के कारण बस्तियों का पानी किसानों के खेतों में जा रहा है।
जनपद बिजनौर के स्योहारा क्षेत्र में भी कुछ इस तरह का नज़ारा ही देखने को मिल रहा है। जहां स्योहारा के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की धान की फसलें बर्बाद होती नज़र आ रही हैं। दरअसल इन दिनों धान की फसलें काटकर बाज़ार में बेचने का समय होता है। लेकिन बीते दो दिनों से बेमौसम हुई बरसात के कारण किसानों की कटी हुई धान की फसलें जलमग्न हो गई कहीं तो पूरी की पूरी फसल पानी में बह गई। फसलें नष्ट होने से किसानों का काफी नुकसान हुआ है।
लगातार हो रही भारी बारिश के चलते अफज़लगढ़ क्षेत्र में बहने वाली नदियां उफान पर हैं। नदियों का पानी सड़कों तथा किसानों के खेतों में बह रहा है।
जानकारी के अनुसार अफज़लगढ़ क्षेत्र के गांव भोगपुर में 3 छोटी बड़़ी नदियां बहती हैं। थोड़ी सी वर्षा में ही नदियों का पानी सड़क पर आ जाता है। अब दो दिन से लगातार हो रही बारिश के चलते तीनों नदियां उफान पर आ गई और नदियों का पानी गांव की सड़कों और खेतों में घुस गया तथा धान की फसल को अपने साथ बहाकर ले गया। मजबूर किसान नदी के पानी के आगे लाचार होकर अपनी बर्बादी देखते रहे।
ग्राम पंचायत मंगल काम्बोज का कहना है कि इस संबंध में कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है किन्तु कोई सुनवाई नही होती। वहीं पीड़ित किसानों ने सरकार से मुआवज़े की मांग की है।
वहीं दूसरी ओर अफज़लगढ़ ब्लाॅक के रेहड़ क्षेत्र में भी भारी बारिश के चलते किसानों का काफी नुकसान हुआ है। किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ तौर पर देखी जा सकती हैं। दरअसल इस मौसम में किसान धान और उड़द आदि की फसलें काटते हैं लेकिन इन दिनों हुई बेमौसम बरसात के कारण किसानों की कटी हुई फसलें या तो जलमग्न होकर नश्ट होने की कगार पर आ गई हैं या फिर पानी में बह गई हैैं। किसानों का कहना है कि जो धान की फसलें भीगने के बाद बचेंगी उन्हें बेचने में भी काफी परेशानी होगी। क्योंकि सुखाने के बाद भी उन फसलों का उचित दाम मिलना संभव नही है। पीड़ित किसानों ने सरकार से मुआवज़े की मांग की है।