न्याय के देवता शनिदेव का मनाया गया जन्म उत्सव

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धामपुर के मोहल्ला खतियान स्थित सुनारो वाले शिव मंदिर मैढ सभा में छाया एवं सूर्यपुत्र शनिदेव का जन्म उत्सव पूर्ण श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया।
दरअसल शनि देव की मूर्ति को नरेश वर्मा तथा सतीश वर्मा ने पंचामृत से स्नान कराकर उन पर सरसों का तेल चढ़ाया, तथा मंत्र उच्चारण के साथ उनका चोला परिवर्तित कर उनको पटका धारण कराया गया। धूप दीप पुष्प आदि से उनका पूजन कर गुड़, चने, उड़द, तिल, मिष्ठान आदि का भोग लगाया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने भजन संध्या का भी आयोजन किया, जिसमें शनि चालीसा तथा हनुमान चालीसा शनि देव की स्तुति तथा आरती कर संपूर्ण वातावरण भक्ति बना दिया। इस अवसर पर उमा वर्मा ने शनिदेव के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी से अवगत कराया की छाया का पुत्र होने के कारण शनिदेव का रंग काला था। जिसके कारण उन्हें पिता सूर्य देव तथा भाई बहन यम मनु और यमुना से हमेशा तिरस्कार मिला जिस कारण वह बाल्यावस्था से ही उदंडी हो गए थे। अन्य ग्रहों की तुलना में वह धीमी गति से चलते हैं, इसलिए इन्हें शनिश्चराय भी कहा जाता है। महादेव ने शनिदेव का सृजन दण्डाधिकारी एवं न्याय के देवता के रूप में किया था। इसलिए इन्हें न्याय के देवता कहा जाता है, समय आने पर इन्होंने अपने गुरु भगवान शिव तथा पिता सूर्य देव के साथ भी निष्पक्ष रुप से न्याय किया था। शनि देव की सीधी दृष्टि से बचकर उनकी पूजा अर्चना करनी चाहिए। इस अवसर पर महिलाओं ने सुंदर सुंदर भजनों की प्रस्तुति दी, जिससे पूर्ण वातावरण भक्ति मय हो गया। इस अवसर पर लक्ष्मी वर्मा। कमलेश वर्मा। बीना वर्मा। सुमन वर्मा। दीपमाला वर्मा। नेहा वर्मा। पूजा वर्मा। रुक्मणी वर्मा। उमा वर्मा। सुनीता गांधी। प्रभा इत्यादि महिलाएं उपस्थित रही। अंत में शनि देव की आरती करके प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन नरेश वर्मा ने किया।

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