बिजनौर के धामपुर क्षेत्र में तीन महीने पहले हुई युवक अनमोल की हत्या का पुलिस ने किया खुलासा। पुलिस ने मृतक के तहेरे भाई को किया गिरफ्तार। थाना धामपुर पुलिस के अनुसार मृतक के तहेरे आरोपी अमित ने अपनी पत्नी को अनमोल के साथ आपत्तिजनक हालत में देखने के बाद आरोपी ने अपने चाचा और चचेरे भाई के साथ मिलकर हत्याकांड को दिया था अंजाम।
जानकारी के अनुसार थाना धामपुर क्षेत्र के गांव मटौरामान में 1 नवंबर 2024 को गांव निवासी अनमोल पुत्र हरगुलाल सिंह उम्र सत्रह वर्श की बेरहमी से हत्या कर उसकी लाश को गांगन नदी के पास फेक दिया गया था। पुलिस की जांच में मृतक के तहेरे भाई अमित कुमार पुत्र राजेश कुमार का नाम प्रकाश में आया जिसको गिरफ्तार कर 14 दिवस पुलिस रिमाण्ड लेने हेतू न्यायालय बिजनौर पेश किया गया। आरोपी अमित ने पुलिस को पूछताछ पर बताया कि साहब मैं ग्राम मटोरामान थाना धामपुर का रहने वाला हूँ। अनमोल पुत्र हरगूलाल मेरा चचेरा भाई था। अनमोल मेरी पत्नी गुरमीत के पास बहुत ज्यादा आता जाता था और मैनें कई बार उन दोनो को आपत्तिजनक हालत में देखा था। इसी बात को लेकर हम पति पत्नी के बीच अक्सर विवाद रहता था, और एक दिन मैने अपने चाचा श्रवण के साथ मिलकर अनमोल को पीटा भी था, परन्तु फिर भी अनमोल अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था और चोरी छिपे जब मैं घर पर नही होता था और मेरे परिवार वाले खेत में गये हुए होते थे, तो अनमोल मेरी पत्नी से मिलने घर आ जाता था। इस बात से मेरी और मेरे परिवार वालो की काफी बदनामी हो रही थी। दिनांक एक नवंबर को दिवाली वाले दिन शाम को जब मैं अपने घर गया था, तो अनमोल मेरे कमरे में मेरी पत्नी के साथ मौजूद था। उसको वहां देखकर मैं गुस्से में भर गया था और अपने चाचा श्रवण और उनके बेटे अंकित को बुलाकर हम तीनो ने अनमोल को पकडकर पीटते हुये बाहर वाले कमरे में जिसका दरवाजा पीछे की ओर खुलता है ले गये और वहीं पर अंकित और मेरे चाचा श्रवण ने कहा था कि इसका किस्सा ही खत्म कर, दो तभी मैंने पास में रखी लोहे की फाल अनमोल के सिर पर कई बार किये थे। जिससे अनमोल बुरी तरह से घायल होकर वेहोश हो गया था एवं वहीं गिर गया था और थोडी देर बाद ही उसकी मौत हो गयी थी। तब हम तीनो ने योजना बनायी थी कि रात्रि बारह बजे के बाद जब सब सो जायेगें तो इसकी लाश को ठिकाने लगा देगें। फिर हमने कमरा बंद कर दिया था और मेरे चाचा श्रवण और उनका बेटा अंकित अपने घर चले गये थे तथा मैं जाकर अपने कमरे में लेट गया था। रात में करीब बारह बजे जब अनमोल का भाई आदर्श अनमोल को ढूंढते हुए अपना मोबाईल रिचार्ज कराने के लिए मेरे पास आया था तो, मैनें अनजान बनते हुये उसको ढूंढवाने का नाटक किया था और फिर लगभग तीन बजे उनके परिवार को यह कहकर कि अब सुबह तलाश करेगें। उसके बाद मैने अपने चाचा श्रवण और अंकित को बुलाकर अपने घर के पिछले गेट से अनमोल को शव को लेजाकर खेतो के रास्ते गागंन नदी में फेंक दिया था और जिस फाली से हमने अनमोल की हत्या की थी वह भी नदी में ही फेंक दी थी। रात होने के कारण सही स्थान मै नही बता सकता। उसके बाद हम तीनो नें आकर अच्छी तरह से कमरा साफ किया था। जिससे कमरे में खून के धब्बे या अन्य कोई सबूत न रहा और फिर अगले दिन सुबह साथ उसको ढूंढवाने का नाटक किया था।
धामपुर से साकिब शैख की रिपोर्ट।