द्रौपदी मुर्मू होंगी भाजपा की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार

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झारखंड की पूर्व राज्यपाल और आदिवासी द्रौपदी मुर्मू को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है।भाजपा की संसदीय दल की बैठक में   द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की घाेषणा कर दी गई। इस घाेषणा के बाद इन कयासों को विराम लग गया कि देश के मुस्लिम और  मुस्लिम देशाें को प्रसन्न करने के लिए भाजपा किसी राष्ट्रीय  विचार धारा के मुस्लिम को राष्ट्रपति बन सकती है। 

भाजपा की पूर्व  राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपूर शर्मा की  मुहम्मद साहब के बारे में की विवादास्पद टिप्पणी के बाद देश के मुस्लिम ही नाराज नही थे,अपितु इस बयान को लेकर कई मुस्लिम देश अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके थे। कुछ स्थानों पर भारतीय सामानों का बहिष्कार भी शुरू हुआ था।इसे लेकर और देश  में उत्पन्न हालात के मद्देनजर अखबारी और राजनैतिक खेमों में ये कयास लगाए जा रहे थे, कि भाजपा किसी राष्ट्रवादी मुस्लिम को राष्ट्रपति बना सकती है।  इसके लिए गोवा के राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान और  केद्र सरकार में  अल्पसंख्यक मामलों के विभाग के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के नाम की जोर −शोर से चर्चा थी। मुख्तार अब्बास नकवी का राज्यसभा कार्यकाल खत्म हो  रहा है। ऐसे में हाल में हुए राज्य सभा के चुनाव में उन्हें भाजपा द्वारा टिकट न दिए जाने से इन चर्चाओं को बल मिल रहा  था।अब झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू  के नाम की घोषणा होने के इन कयासों  को विराम मिल गया। स्पष्ट हो गया कि भाजपा को इस विरोध की ज्यादा चिंता नहीं है। उसका  टारगेट आगामी चुनाव तीन राज्यों का विधान सभा और 2024 का लोक सभा चुनाव है।

ओडिशा की रहने वाली द्रौपदी मुर्मू इससे पहले झारखंड की पहली महिला आदिवासी राज्यपाल भी रह चुकी हैं। उनकी उम्र 64 साल है।। यह पहला मौका है जब देश को आदिवासी महिला राष्ट्रपति मिलने जा रही हैं। इससे पहले अब तक देश में कोई आदिवासी राष्ट्रपति नहीं रहा। इस लिहाज से मुर्मू आदिवासी और महिला, दोनों वर्ग में फिट बैठती हैं।उनके नाम के ऐलान के साथ ही राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है भाजपा का यह निर्णय यह बताता है कि गुजरात, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा का फोकस इन प्रदेश के आदिवासी समुदाय पर है। माना जा रहा है कि पार्टी ने द्रोपदी मुर्मू को टिकट देकर  आदिवासी वोटों को साधने  का प्रयास किया है। वे  महिला हैं।भाजपा  पहले ही महिला  वोट पर फोकस किए हुए है। महिला मतदाता भाजपा  की बड़ी ताकत है। इन महिला  वोटर को अपने से जोड़े रखने के लिए यह ज्यादा महत्वपूर्ण है।

 राजनीतिक विशेषज्ञों का भले ही यह कहना  है कि भाजपा गुजरात, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के वोटर को रिझाने  के लिए ऐसा कर रही है किंतु यह भी सच है कि उसका निर्णय 2024 में होने  वाले  लोकसभा चुनाव में भी  उसे लाभ पंहुचा सकता है।  मुख्तार अब्बास नकवी को हाल में न राज्य सभा कर टिकट मिला न ही रामपुर लोकसभा से लड़ाने के लिए भाजपा ने उन्हें टिकट दिया। इससे इन बातों को बल मिलता है कि भाजपा  आगे चलकर उन्हें उपराष्ट्रपति बनाने का  इरादा रखती है। हालाकि ये  राजनीति है।  यह पल –पल बदलती रहती है। उपराष्ट्रपति चुनाव  के समय क्या हालात होंगेॽ यह अभी नहीं कहा जा सकता।

 अशोक मधुप