जाको राखे साइयां, मार सके न कोय

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जाको राखे साइयां, मार सके न कोय’। जी हाँ इसका मतलब ये है कि जिसे खुद ऊपर वाला बचाना चाहे उसका कोई बाल भी बांका नही कर सकता। ऐसा ही एक मामला मुरादाबाद से सामने आया है जहां थाना पाकबड़ा इलाके के एक मज़ार के पास झाड़ियों में 6 माह के नवजात को फेंक कर कोई अज्ञात चला गया था। बच्चे की चीखपुकार की आवाज़ सुनकर वहां से गुज़र रहे लोगों ने इसकी सूचना 1098 पर दी। जिसके बाद चाइल्ड लाइन टीम व पुलिस मौके पर पहुंची और अज्ञात नवजात को लेकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां मासूम का इलाज चल रहा है।
भले ही कल युगी मां बाप नवजात को जंगल के अंदर झाड़ियों में मौत के हवाले छोड़ गए हो लेकिन जिसे खुद ईश्वर बचाना चाहे भला उसे कौन मार सकता है। ज़िला अस्पताल के अंदर इमरजेंसी वार्ड में बच्चे को गोद मे लिये उसे नहारती उसका ख्याल रखती, उसे खिलाती पिलाती उसे दुलार करती ये बच्चे की माँ नही बल्कि चाइल्ड लाइन वर्कर मंजू सागर है। भले ही कलयुगी मां बाप नवजात को झाड़ियों में फेंककर मौत के हवाले कर गए हो लेकिन सच यही है कि मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है। ओर यही देखने को मिला है आज मुरादाबाद के जिला अस्पताल में जहां मेडिकल स्टाफ से लेकर सार्ड चाइल्डलाइन की टीम हो सभी उस बच्चे की केअर करती हुई दिखाई दे रही हैं। मंजू सागर का कहना है कि उनको ये बच्चा बड़ी ही दयनीय स्थिति में मिला था बच्चे के शरीर पर कोई कपड़ा तक नही था बच्चा नग्न अवस्था मे था और उसके जिस्म को कीड़े लिपटे हुए थे बच्चा चीखपुकार कर रुओ रहा था। जिसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसका इलाज चल रहा है। मंजू का कहना है कि उन्हें इस तरह के कामों से मन की शांति मिलती है। उनका कहना है दो दिन अभी और बच्चे का इलाज अस्पताल में चलेगा जिसके बाद बच्चे को सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया जाएगा। फिर उसके आदेशानुसार शेल्टर होम भेज दिया जाएगा। जबकि ज़िला अस्पताल की महिला स्टाफ सोनिया का कहना है कि बच्चे को परसों रात भर्ती कराया गया था। जब भर्ती कराया गया था तब बच्चे की हालत बेहतर नही थी आज बच्चे में सुधार है उसने आज दूध भी पिया है। अब बच्चे की हालत बेहतर है।

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