पहाड़ों और मैदानी इलाकों में हो रही भारी बारिश के कारण जहां एक तरफ लोगों का जीना मुहाल हो रही है वहीं गंगा किनारे किसानों की खून-पसीने की मेहनत से लगाई लहलहाती फसल गंगा के कटान के कारण धाराशयी होती नज़र आ रही है। कटान की वजह से किसानों की गन्ना, धान व पशुुुुओं के चारे की फसलें लगातार गंगा के कटान में समाती जा रही है जिसकी वजह से किसान बेहद परेशान हैं। बिजनौर से सटे गांव कोहरपुर के जंगलों में भी दर्जन भर किसानों की फसलें गंगा किनारे लगी हुई हैं जहां उनकी फसलें रोज़ गंगा कटान की वजह से गंगा में समाती जा रही हैं। गंगा किनारे जान जोखिम में डालकर किसान तेज़ी से अपनी फसलें काटने में लगे हैं जिससे उनके पशुओं को चारा मिल सके। गंगा कटान से होने वाले नुकसान के चलते किसानों के चेहरे भी मुरझाए हुए हैं।