कृषि बिलों के विरोध में जहां किसान लगातार दिल्ली पहुँचकर प्रदर्षन कर रहे हैं वहीं भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर जनपद बिजनौर में भी किसानों ने अलग-अलग स्थानों पर चक्का जाम कर कृषि बिलों के विरोध में प्रदर्शन किया।
इसी कड़ी में बिजनौर बैराज पर दिल्ली जाने वाले हाईवें पर ट्रैक्टर खड़े कर चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। चक्का जाम होने के कारण सड़क के दोनों और वाहनों की लम्बी कतारें लग गई और आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया। वहीं दूसरी और बिजनौर मुरादाबाद चैराहे पर भी भाकियू कार्यकर्ताओं ने जाम लगाकर प्रदर्षन किया। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि जब तक केन्द्र सरकार द्वारा तीनों कृशि बिल वापस नही लिये जाते तब तक आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा।
उधर किरतपुर में भी भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने रेलवे स्टेषन चैराहे पर पहुँचकर प्रदर्षन कर रहे हैं वहीं भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर जनपद बिजनौर में भी किसानों ने अलग-अलग स्थानों पर चक्का जाम कर कृषि बिलों के विरोध में प्रदर्शन किया।
इसी कड़ी में बिजनौर बैराज पर दिल्ली जाने वाले हाईवें पर ट्रैक्टर खड़े कर चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। चक्का जाम होने के कारण सड़क के दोनों और वाहनों की लम्बी कतारें लग गई और आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया। वहीं दूसरी और बिजनौर मुरादाबाद चैराहे पर भी भाकियू कार्यकर्ताओं ने जाम लगाकर प्रदर्षन किया। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि जब तक केन्द्र सरकार द्वारा तीनों प्रदर्षन कर रहे हैं वहीं भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर जनपद बिजनौर में भी किसानों ने अलग-अलग स्थानों पर चक्का जाम कर कृषि बिलों के विरोध में प्रदर्शन किया।
इसी कड़ी में बिजनौर बैराज पर दिल्ली जाने वाले हाईवें पर ट्रैक्टर खड़े कर चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। चक्का जाम होने के कारण सड़क के दोनों और वाहनों की लम्बी कतारें लग गई और आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया। वहीं दूसरी और बिजनौर मुरादाबाद चैराहे पर भी भाकियू कार्यकर्ताओं ने जाम लगाकर प्रदर्षन किया। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि जब तक केन्द्र सरकार द्वारा तीनों कृशि बिल वापस नही लिये जाते तब तक आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा। बिल वापस नही लिये जाते तब तक आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा। बिलों के विरोध में प्रदर्शन करते हुए पौड़ी-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया जिससे दोनों और वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिली। वहंी मौके पर मौजूद प्रषासनिक अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने षादी विवाह की गाड़ियों और एंबुलेंस को जाम से निकलवाया।
वहीं भाकियू के राश्ट्रीय आह्वान पर अफज़लगढ़ में भी किसान एकत्र हुए और जसपुर तिराहे पर जाम लगाकर बैठ गये। साथ ही चारों और ट्रैक्टर ट्राॅलियां लगाकर आवागमन को बंद कर सरकार विरोधी नारेबाज़ी करते हुए प्रदर्षन किया। किसानों का कहना है कि सरकार किसानों की समस्याओं को लगातार नज़र अंदाज़ कर रही है, तीनांे कृशि कानूनों के किसानों पर दुश्प्रभाव को देखते हुए इन बिलों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। साथ ही किसानों ने स्वामीनाथन कमीषन की रिपोर्ट के आधार पर फसलों के दाम घोशित करने की मांग की।
उधर स्योहारा में भी भाकियू के आह्वान पर भाकियू के जिला संरक्षक पृथ्वी सिंह के नेतृत्व मे कार्यकर्ताओं ने स्योहारा में कृशि बिलों के विरोध में प्रदर्षन करते हुए चक्का जाम कर दिया। किसानों का कहना है कि जब तक तीनो कृशि बिल वापस नही होते, एमएसपी पर कानून नही बनता और बिजली तथा डीज़ल के दाम कम नही होते तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान भारी तादाद में भाकियू पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
प्रदर्षन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था की दृश्टि से प्रषासनिक अधिकारी और भारी पुलिस बल मौजूद रहा।
कृषि बिलों के विरोध में जहां किसान लगातार दिल्ली पहुँचकर प्रदर्षन कर रहे हैं वहीं भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर जनपद बिजनौर में भी किसानों ने अलग-अलग स्थानों पर चक्का जाम कर कृषि बिलों के विरोध में प्रदर्शन किया।
इसी कड़ी में बिजनौर बैराज पर दिल्ली जाने वाले हाईवें पर ट्रैक्टर खड़े कर चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। चक्का जाम होने के कारण सड़क के दोनों और वाहनों की लम्बी कतारें लग गई और आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया। वहीं दूसरी और बिजनौर मुरादाबाद चैराहे पर भी भाकियू कार्यकर्ताओं ने जाम लगाकर प्रदर्षन किया। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि जब तक केन्द्र सरकार द्वारा तीनों कृशि बिल वापस नही लिये जाते तब तक आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा।
उधर किरतपुर में भी भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने रेलवे स्टेषन चैराहे पर पहुँचकर प्रदर्षन कर रहे हैं वहीं भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर जनपद बिजनौर में भी किसानों ने अलग-अलग स्थानों पर चक्का जाम कर कृषि बिलों के विरोध में प्रदर्शन किया।
इसी कड़ी में बिजनौर बैराज पर दिल्ली जाने वाले हाईवें पर ट्रैक्टर खड़े कर चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। चक्का जाम होने के कारण सड़क के दोनों और वाहनों की लम्बी कतारें लग गई और आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया। वहीं दूसरी और बिजनौर मुरादाबाद चैराहे पर भी भाकियू कार्यकर्ताओं ने जाम लगाकर प्रदर्षन किया। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि जब तक केन्द्र सरकार द्वारा तीनों प्रदर्षन कर रहे हैं वहीं भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर जनपद बिजनौर में भी किसानों ने अलग-अलग स्थानों पर चक्का जाम कर कृषि बिलों के विरोध में प्रदर्शन किया।
इसी कड़ी में बिजनौर बैराज पर दिल्ली जाने वाले हाईवें पर ट्रैक्टर खड़े कर चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। चक्का जाम होने के कारण सड़क के दोनों और वाहनों की लम्बी कतारें लग गई और आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया। वहीं दूसरी और बिजनौर मुरादाबाद चैराहे पर भी भाकियू कार्यकर्ताओं ने जाम लगाकर प्रदर्षन किया। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि जब तक केन्द्र सरकार द्वारा तीनों कृशि बिल वापस नही लिये जाते तब तक आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा। बिल वापस नही लिये जाते तब तक आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा। बिलों के विरोध में प्रदर्शन करते हुए पौड़ी-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया जिससे दोनों और वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिली। वहंी मौके पर मौजूद प्रषासनिक अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने षादी विवाह की गाड़ियों और एंबुलेंस को जाम से निकलवाया।
वहीं भाकियू के राश्ट्रीय आह्वान पर अफज़लगढ़ में भी किसान एकत्र हुए और जसपुर तिराहे पर जाम लगाकर बैठ गये। साथ ही चारों और ट्रैक्टर ट्राॅलियां लगाकर आवागमन को बंद कर सरकार विरोधी नारेबाज़ी करते हुए प्रदर्षन किया। किसानों का कहना है कि सरकार किसानों की समस्याओं को लगातार नज़र अंदाज़ कर रही है, तीनांे कृशि कानूनों के किसानों पर दुश्प्रभाव को देखते हुए इन बिलों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। साथ ही किसानों ने स्वामीनाथन कमीषन की रिपोर्ट के आधार पर फसलों के दाम घोशित करने की मांग की।
उधर स्योहारा में भी भाकियू के आह्वान पर भाकियू के जिला संरक्षक पृथ्वी सिंह के नेतृत्व मे कार्यकर्ताओं ने स्योहारा में कृशि बिलों के विरोध में प्रदर्षन करते हुए चक्का जाम कर दिया। किसानों का कहना है कि जब तक तीनो कृशि बिल वापस नही होते, एमएसपी पर कानून नही बनता और बिजली तथा डीज़ल के दाम कम नही होते तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान भारी तादाद में भाकियू पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
प्रदर्षन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था की दृश्टि से प्रषासनिक अधिकारी और भारी पुलिस बल मौजूद रहा।