कावड़ती को सरकारी अस्पताल में नही मिला इलाज

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कावड़ यात्रा के दौरान जहां षासन स्तर से षिवभक्तो कावड़तियों की सुरक्षा सेवा और सहूलियत के लिये जिला प्रषासन को सख्त निर्देष दिये गये है वहीं खुद सरकारी अमला ही षासन और जिला प्रषासन के अधिकारियों को ठेंगा दिखा रहा है स्योहारा से ऐसा ही मामला सामने आया है जहाँ एक कावड़ती की अचानक तबीयत बिगड़ गई लेकिन सरकारी अस्पताल में दवाई के नाम पर सिर्फ दुत्कार मिली, आरोप है कि साथी कावड़ती की तबीयत बिगड़ने पर कावड़ती अस्पताल पहंुचे तो डाक्टर ने लाईन में लगकर आने को कहा, उसके बाद पीड़ित के साथ अस्पताल के पास स्थित मंदिर में पहुंचे और महंत से मदद मांगी तो मंदिर के महन्त ने अस्पताल जाकर इलाज की मदद मांगी लेकिन डाॅक्टर ने अभद्रता करते हुए उन्हे लौटा दिया, नतीजन इलाज की आस में कावड़ती मंदिर में ही तड़पता रहा, इसी बात से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि षासन की मंषा और भावनाओं के प्रति खुद उनका ही सरकारी अमला कितना संवेदन षील है