सत्ता, शासन और सरकारे बदलती रही और पत्रकारो को सुरक्षा का दम भरने वाली सरकारो के दावो पर प्रशासन भी पत्रकारो पर होने वाले उत्पीड़न को रोकने के लिये अपनी ताल ठोकते रहे लेकिन नतीजा सिफर रहा, सच्चाई की कलम से मजलूमों और पीड़ितो की आवाज़ बुलंद करने और झूठ का पर्दाफाश करने वाले कलम का उत्पीड़न बदस्तूर चलता रहा, दिन रात गर्मी सर्दी बरसात की परवाह किये बगैर समाज को सच्चाई का आयना दिखाने वाले कलम के सिपाहियों की आवाज़ को कदम कदम पर घोंटने का प्रयास होता रहा, ऐसा ही एक मामला बिजनौर के हीमपुर दीपा थाना क्षेत्र से देखने को मिला जहां वर्दी के रौब और नशे में चूर पुलिस कर्मी ने एक घटना की कवरेज़ के लिये गये एक दैनिक समाचार पत्र के सवांददाता के साथ पहले तो अभद्रता और मारपीट की और इस सब के बाद भी वर्दी धारियों की दबंगई में कसर रह गई तो पुलिस पत्रकार के घर जा धमकी और परिजनो को धमकाना शुरू कर दिया, पुलिस की धमकी और दंबगई से सहमें परिवार में पत्रकार की वृद्ध मां को दिल का दौरा पड़ गया जिन्हे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है दरअसल ये मामला हीमपुर दीपा क्षेत्र का है जहां पत्रकार परम सिंह एक घटना की कवरेज़ के दौरान पुलिस से मामले की जानकारी लेने इतना मंहगा पड़ा की वर्दीधारियों की गालियां और पिटाई का शिकार होना पड़ गया, घटना के बाद जब पत्रकार आरोपी दारोगा जितेन्द्र पंवार और डायल 100 पुलिस के इस कृत्य को बताने थाने पहुंचे तो थाना पुलिस ने उनकी बात सुने बिना उलटे लाठी चार्ज करने का प्रयास कर डाला, थाना पुलिस की इस सिलसिले बार दंबगई के बाद पत्रकार लॉबी में रोष व्याप्त हो गया और पत्रकारो ने पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र सौंपकर आरोपी दारोगा और थाना पुलिस के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।