धामपुर के मोहल्ला खतियान स्थित सुनारो वाले शिव मंदिर मेड सभा में अक्षय तृतीया के अवसर पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें भजन संध्या कार्यक्रम के अंतर्गत सामूहिक मन का पाठ तथा हनुमान चालीसा व राम स्तुति का संगीत पूर्वक गायन किया गया तथा मनमोहक भजन गाए। जिसमें ओमवती ने श्रीराम पठाए हनुमान बूटी तो लाए हरे हरे तथा गजनी सिंह ने जानकी प्यारी के जनक दुलारी के मन में बसे हैं श्री राम। सुनीता चौहान ने मैया धाम तेरा बड़ा प्यारा तीनों लोकों में धाम तेरा निराला। दीपमाला वर्मा द्वारा गोकुल में गीता मथुरा में गीता जपो राम सीता भजो राम सीता। सुमन वर्मा द्वारा शरण में सदाशिव की आए हुए हैं करो नाथ रक्षा सताए हुए हैं। उमा वर्मा द्वारा हरे राम हरे कृष्ण का महामंत्र का जाप किया गया। इस अवसर पर उमा वर्मा ने अक्षय तृतीया पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, बताया कि इस दिन किए गए सभी कार्यों का हर इंसान को अक्षय फल प्राप्त होता है। इस दिन भगवान विष्णु जी के नर नारायण अवतार हुआ तथा हयगरीव अवतार तथा ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का आविर्भाव भी हुआ था। बद्रीनाथ जी के पट उत्तराखंड में इसी दिन खोले जाते हैं, चार धाम की यात्रा का शुभारंभ भी होता है, इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था। तथा द्वापर युग का समापन भी इसी दिन हुआ था। सतयुग और त्रेता युग का प्रारंभ इसी तिथि को माना जाता है। भविष्य पुराण के अनुसार इस तिथि को युग आदि तिथि माना जाता है। श्री बांके बिहारी जी के चरणों के दर्शन भी इसी दिन होते है। अन्य दिनों में उनके चरण वस्त्रों से ढके रहते हैं। इस दिन प्रारंभ किए गए अच्छे कार्य तथा दिए हुए दान का पुण्य कभी नष्ट नहीं होता है। इस दिन हवन आदि करना चाहिए। जल का पात्र अपने पूजन स्थान पर भरकर रखना चाहिए। क्योंकि जल ही जीवन है जिससे राष्ट्र की समृद्धि होती है फसल आदि भरपूर मात्रा में होती है। इस दिन मनुष्य को अपने दुर्गुणों को त्याग कर अपने अंदर सद्गुणों का विकास हो ऐसा वरदान ईश्वर से मांगना चाहिए। इस अवसर पर गजनी सिंह। सुनीता चौहान। सरोज शर्मा। दीपमाला वर्मा सुमन वर्मा। उमा वर्मा। पायल वर्मा। उर्मिला वर्मा आदि महिलाएं तथा नरेश वर्मा उपस्थित रहे।